17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand News: झारखंड के इस गांव के बुजुर्गों व दिव्यांगों को नहीं मिल रही पेंशन, लगाये गंभीर आरोप

Jharkhand News: अहीरपुरवा गांव में 60 वर्ष से ऊपर के वृद्धों को वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल रही है. ये लाचारी की जिंदगी जी रहे हैं. ये बताते हैं कि शरीर अब काम भी नहीं करता कि मजदूरी कर सकें. इन लोगों ने प्रशासन से वृद्धावस्था पेंशन दिलवाने की मांग की है.

Jharkhand News: झारखंड के गुमला जिले के गुमला प्रखंड की कतरी पंचायत स्थित चुहरू अहीरपुरवा गांव के वृद्धों ने कहा कि हुजूर, जिंदा रहते पेंशन दिलवा दीजिये, ताकि हम अच्छी जिंदगी जी सकें. मरने के बाद कौन पूछता है. वृद्ध हो चुके इन लोगों को अब तक पेंशन स्वीकृत नहीं हुई है. कई बार पंचायत सेवक को आवेदन दिया, परंतु पेंशन स्वीकृत नहीं हुई. वृद्धों का आरोप है कि बिना घूस लिये कोई काम नहीं होता है, लेकिन उनके पास पैसे नहीं हैं. यही हाल नि:शक्तों का भी है.

रिश्वत देने पर ही होता है काम

झारखंड के गुमला जिले के गुमला प्रखंड की कतरी पंचायत स्थित चुहरू अहीरपुरवा गांव में 60 वर्ष से ऊपर के वृद्धों को वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल रही है. इस कारण ये लोग लाचारी की जिंदगी जी रहे हैं. ये बताते हैं कि शरीर अब काम भी नहीं करता कि मजदूरी कर सकें. इन लोगों ने प्रशासन से वृद्धावस्था पेंशन दिलवाने की मांग की है. 60 वर्षीया भिनसरिया देवी ने कहा कि हमारे गांव में कोई काम सही से नहीं हो रहा है. किसी भी योजना के लिए घूस देना पड़ता है. घूस नहीं देने के कारण ही हम गरीबों को पेंशन नहीं मिल पा रही है.

Also Read: झारखंड के जामताड़ा जिले के तीन सरकारी स्कूलों में होगी सीबीएसई की पढ़ाई, इंग्लिश मीडियम में पढ़ेंगे बच्चे
बुढ़ापे में पेंशन ही सहारा

63 वर्षीया शांति देवी ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन मिलती तो कम से कम कुछ जरूरत की चीजें खरीद सकते थे. बुढ़ापे में पेंशन ही सहारा है, परंतु प्रशासन की बेरुखी के कारण पेंशन नहीं मिल रही है. अब तो जैसे-तैसे जिंदगी कट रही है. 63 वर्षीया सुकरा उरांव ने कहा कि पेंशन बुढ़ापे का सहारा होती है. इसलिए सरकार ने हम जैसे वृद्धों के लिए पेंशन योजना शुरू की, परंतु हम गरीबों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. 66 वर्षीया बिरसो देवी व 60 वर्षीया गीता देवी ने कहा कि प्रशासन हम गरीब वृद्धों को पेंशन दे, ताकि हम अपने बच्चों पर बोझ न बन सकें. ऐसे भी हमलोग गरीबी में जी रहे हैं.

Also Read: झारखंड के इस आदिम जनजाति बिरहोर परिवार के पास न रहने को घर, न खाने को भोजन, ग्रेजुएट बेटे का छलका दर्द
नि:शक्तों को नहीं मिल रही पेंशन

रति उरांव के 13 वर्षीय पुत्र मोहित उरांव नि:शक्त है. वह बोल नहीं पाता. शरीर भी नि:शक्त है. कई बार दिव्यांग पेंशन के लिए परिवार के लोगों ने प्रयास किया, परंतु हर जगह घूस की मांग होने के कारण पेंशन स्वीकृत नहीं हो पायी. रति ने कहा कि अब थक हारकर पेंशन मांगना ही छोड़ दिये हैं. ननकू महली की 10 वर्षीया बेटी रूपा कुमारी एक हाथ से नि:शक्त है. उसे भी पेंशन नहीं मिलती.

Also Read: Jharkhand News: झारखंड में राशन वितरण में अब नहीं होगी गड़बड़ी, ग्रेन एटीएम से लाभुकों को मिलेगा राशन

रिपोर्ट: जगरनाथ/अंकित

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें