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Jharkhand News: जिस थाने के रहे थानेदार, वहां नहीं मिला न्याय, तो अदालत की ली शरण, अब हुई FIR दर्ज

Jharkhand News: गुमला के पुलिस अधीक्षक को लिखित आवेदन सौंपकर प्राथमिकी दर्ज कराने का आग्रह किया गया था. एसपी के यहां से भी कोई सुनवाई नहीं हुई. तब पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली और पांच लाख रुपये वापस दिलाने के लिए न्यायालय से गुहार लगायी.

Jharkhand News: झारखंड के गुमला जिले के रायडीह थाना के पूर्व थाना प्रभारी रविंद्र शर्मा से पांच लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है. श्री शर्मा ने मिथिला लाइन होटल मांझाटोली के मालिक कमलेश झा, राकेश झा व शशि रंजन झा पर पांच लाख रुपये धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. सीमेंट-ईंट का कारखाना व पेवर ब्लॉक फैक्ट्री चलाने के नाम पर इन तीनों अभियुक्तों द्वारा रविंद्र शर्मा से पांच लाख रुपये लिया गया था, परंतु बाद में पैसा वापस नहीं किया गया. अब अदालत के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज हुई है.

थाने में नहीं हुई कार्रवाई

पूर्व थाना प्रभारी रविंद्र शर्मा ने अपना पैसा मांगा तो इन्होंने वापस नहीं किया. इसके बाद श्री शर्मा ने पहले रायडीह थाना को लिखित आवेदन सौंपा, परंतु जिस थाना के थानेदार रविंद्र शर्मा रहे. उसी थाने में उनकी शिकायत नहीं सुनी गयी और न ही प्राथमिकी दर्ज की गयी. इसके बाद श्री शर्मा ने गुमला के पुलिस अधीक्षक को लिखित आवेदन सौंपकर प्राथमिकी दर्ज कराने का आग्रह किया. एसपी के यहां से भी कोई सुनवाई नहीं हुई. तब श्री शर्मा ने न्यायालय की शरण ली और पांच लाख रुपये वापस दिलाने के लिए न्यायालय से गुहार लगायी.

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ऐसे हुई धोखाधड़ी

रविंद्र शर्मा रायडीह थाना में 19 दिसंबर 2018 से 20 फरवरी 2020 तक थाना प्रभारी के पद पर कार्यरत रहे. 20 फरवरी 2020 को मालखाना का प्रभार नहीं लेने के कारण गुमला एसपी ने उन्हें थाना से विरमित कर दिया था. उन्होंने कोर्ट में दर्ज केस में कहा है कि जब वे रायडीह के थानेदार थे तो ड्यूटी के दौरान गश्ती करते हुए मांझाटोली जाते थे. मांझाटोली में मिथिला लाइन होटल है. जिसके मालिक कमलेश झा, राकेश झा व शशि रंजन झा हैं. ये लोग होटल चलाने के लिए कई बार उनसे उधार लिये थे. बाद में पैसा वापस कर देते थे. जिस कारण तीनों होटल मालिक पूर्व थानेदार श्री शर्मा के विश्वासपात्र बन गये. बाद में कमलेश झा, राकेश झा व शशि रंजन झा ने सीमेंट-ईंट फैक्ट्री व पेवर ब्लॉक फैक्ट्री लगाने के नाम पर पांच लाख रुपये उधारी की मांग की. इन्होंने पैसे दे दिये, परंतु बाद में पैसा वापस नहीं किया.

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एसडीपीओ ने की थी मामले की जांच

जब रविंद्र शर्मा की शिकायत पर थाना व एसपी द्वारा कार्रवाई नहीं की गयी तो उन्होंने ऑनलाइन केस किया था. इसके बाद चैनपुर अनुमंडल के एसडीपीओ सिरिल मरांडी ने मामले की जांच की थी. कोर्ट में दर्ज केस के अनुसार एसडीपीओ की जांच में धोखाधड़ी करने की पुष्टी हुई है. इसके बाद भी रायडीह थाना में तीनों अभियुक्तों के खिलाफ वर्तमान थानेदार द्वारा केस दर्ज नहीं किया गया और न्यायालय में जाने की सलाह दी गयी.

रिपोर्ट: दुर्जय पासवान

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