Jharkhand Monsoon Update News: हे ईश्वर, अब तो बरस. गुमला जिले के किसान इंद्र भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं. अब तो बारिश बरस. क्योंकि बारिश नहीं होने से धरती फट रही है. बिचड़ा बूढ़ा हो रहा है. कहीं कहीं बिचड़ा तैयार हुआ नहीं है. बिचड़ा में पीलापन आने लगा है. बारिश नहीं होने से गुमला में खेतीबारी की जो स्थिति है. इसबार सुखाड़ की आशंका है. यहां बता दें कि जून माह में आधा से कम बारिश हुई थी. जुलाई में सावन माह चढ़ा. परंतु सावन में भी बारिश नहीं है.
झिंगुर बारिश से किसान परेशान
गांव की भाषा में झिंगुर बारिश यानि रिमझिम बारिश हो रही है, जो कि खेती के योग्य नहीं है. रिमझिम बारिश भी दो-घंटे तक ही हो रही है. किसान इस कदर संकट में हैं कि उन्हें सूझ नहीं रहा कि वे क्या करें. जबकि खेतीबारी करने के लिए किसानों ने खाद, बीज से लेकर खेतीबारी के सभी सामग्री खरीद चुके हैं. खेत जोतने में मेहनत से लेकर बिचड़ा लगाने में घर की पूंजी लगा दिया. परंतु अब घर की पूंजी डूबने की स्थिति में है. अगर आने-वाले 10 दिन के अंदर अच्छी बारिश नहीं हुई तो गुमला जिले में सुखाड़ पड़ जायेगा.
जारी : भगवान इंद्र को खुश करने के लिए कर रहे भिक्षाटन
जारी प्रखंड में इन दिनो बारिश नहीं होने से किसान चिंतित है. किसान भगवान इंद्र को खुश करने में लगे हुए है. ताकि बारिश हो और खेती हो सके. सावन माह है. इसके बाद भी बारिश नहीं हो रही है. जिस कारण किसान बिचड़ा भी नहीं कर पा रहे हैं. कुछ किसान बिचड़ा भी किये हैं. लेकिन बारिश नहीं होने से खेत को तैयार नहीं कर पा रहे हैं. भगवान इंद्र को खुश करने के लिए रविवार को सिकरी गांव के दर्जनों किसान अपने साथ हल चलाने वाले औजार जैसे नाधा, पैना आदि लेकर विभिन्न गांवों मे जाकर भिक्षाटन किये. ताकि भगवान इंद्र खुश होकर बारिश करे. सिकरी के हरिश्वर यादव, सुभाष एक्का, दीनानाथ बरवा, जगरनाथ खेरवार आदि किसानों ने बताया कि अब तक हमलोग रोपा रोपना शुरू कर देते थे. लेकिन बारिश के अभाव में अभी तक बिचड़ा भी नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए हम किसान बैठक कर निर्णय लिये कि भगवान इंद्र को खुश किया जाय. हमलोग अपने साथ हल चलाने वाले औजार लेकर भिक्षाटन के लिए निकल गये है. वहीँ दूसरी ओर भगवान इंद्र को खुश करने के लिए कुछ दिनों पहले महिलाओं के द्वारा भिक्षाटन किया गया. लेकिन भगवान इंद्र खुश नहीं हुए और बारिश नहीं हुई. मौके पर केश्वर खेरवार, अशोक खेरवार, जयमन उरांव, बद्रीनाथ खेरवार, दीनानाथ बरवा, जोगेश्वर उरांव, रामधनी उरांव, जकलू अहीर, बंधु अहीर, मंटू लोहरा सहित अन्य किसान मौजूद थे.
Also Read: 25 साल की उम्र में पत्नी से किया था मारपीट, 30 साल बाद गुमला की पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेलसिसई : 34 सोलर सिस्टम सिंचाई योजना में भ्रष्टाचार
मॉनसून आये एक माह से अधिक समय बीत गया है. फिर भी पर्याप्त बारिश नहीं होने से सिसई प्रखंड में धान रोपनी का कार्य एक प्रतिशत तक नहीं हो पाया है. जबकि अभी तक 80 से 90 प्रतिशत रोपनी का कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए था. इससे किसानों की चिंता बढ़ गयी है. साल भर की खुराकी व अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए कृषि पर निर्भर किसान महंगी खाद, बीज खरीदकर बिचड़ा व खेतो कों तैयार कर चुके हैं. अब वे बारिश का इंतजार कर रहे हैं. हर रोज आकाश में उमड़ते काले बदलों को देखकर उन्हें थोड़ी तस्सली तो मिलती है. परंतु जरूरत के मुताबिक पानी नहीं बरसने से किसानों में मायूसी छा जाती है. हालांकि सरकार द्वारा सिंचाई सुविधा को लेकर कई योजनायें चलायी गयी है. परंतु इस विकट परिस्थितियों में किसानों को इसका लाभ मिलता कंहीं दिखायी नहीं दे रहा है. प्रखंड में जोहार परियोजना से तीन वर्ष पूर्व प्रखंड के विभिन गांव में 34 सोलर सिस्टम सिंचाई योजना पीजी (महिला उत्पादक स्वयं सहायता समूह) द्वारा निर्माण कराने के लिए प्रत्येक योजना में 08 से 10 लाख तक कि राशि उपलब्ध करायी गयी है. परंतु इन 34 योजनाओं में से एक भी योजना पूर्ण व उपयोगी नहीं है. शायद यह योजना सही तरीके से पूर्ण रहता, तो हजारों हेक्टेयर जमीन सिंचित हो सकती थी. जोहार परियोजना में दीदीयों को सामने रखकर किस तरह से सरकारी राशियों का दुरुपयोग व बंदरबांट किया जा रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण प्रखंड में बने इन 34 सोलर सिस्टम सिंचाई योजना है.
गुमला से जगरनाथ पासवान, जारी से जयकरण महतो और सिसई से प्रफुल भगत की रिपोर्ट.