Jharkhand Naxal News, Gumla News, गुमला(दुर्जय पासवान)प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के रिजनल कमेटी सदस्य बुद्धेश्वर उरांव, सबजोनल कमांडर रंथु उरांव व एरिया कमांडर लजीम अंसारी को गुमला पुलिस ने सरेंडर करने के लिए कहा है, ताकि वे सुरक्षित रह सकें और परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी जी सकें. नक्सलियों को सरेंडर कराने की इस मुहिम के तहत आज मंगलवार को गुमला के एसपी हृदीप पी जनार्दनन, एएसपी बीके मिश्रा व सीआरपीएफ-218 बटालियन के अधिकारी ने नक्सली लजीम अंसारी के परिजनों को गुमला में बुलाकर उन्हें समझाया. नक्सली बेटे को सरेंडर करने के लिए परिवार द्वारा दबाव देने की अपील की.
गुमला के एसपी हृदीप पी जनार्दनन ने नक्सली लजीम अंसारी के परिवार के सदस्यों से कहा कि अगर पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई, तो लजीम मारा जायेगा. इससे पहले वह पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दें, ताकि वह खुशहाल जिंदगी जी सके. मौके पर परिवार के लोगों ने कहा है कि लजीम से जब भी संपर्क होगा, उसे सरेंडर करने के लिए कहेंगे.
गुमला एसपी ने कहा कि 25 फरवरी को रोरेद जंगल में हुए बारूदी सुरंग विस्फोट में जवान रॉबिन्स कुमार व 27 फरवरी को मड़वा जंगल में बारूदी सुरंग विस्फोट में ग्रामीण महेंद्र महतो का पैर उड़ गया था. इन दोनों घटनाओं में भाकपा माओवादी के नक्सलियों का हाथ है. नक्सली गलत कर रहे हैं. पुलिस के बाद अब वे बेकसूर लोगों को निशाना बना रहे हैं. नक्सली जंगल में छिपे रहते हैं. वे लेवी व रंगदारी वसूल रहे हैं. उन पैसों को वे अपने परिवार के पास भेजते हैं, जिससे उनका परिवार अच्छी जिंदगी जी रहा है. इसलिए गुमला पुलिस ने नक्सली के परिजनों से बात की है. उन्हें समझाया है, ताकि नक्सली सरेंडर कर दें. नहीं तो सहायता करने में परिवार के लोग भी फंस सकते हैं क्योंकि पुलिस को सूचना मिली है कि परिवार के लोग मुखबिरी का काम कर रहे हैं. नक्सलियों से परिवार के लोग मिलते रहते हैं. कई सबूत मिले हैं. इन सबूतों के आधार पर परिवार के लोग फंस सकते हैं.
गुमला के एसपी ने कहा है कि रिजनल कमेटी सदस्य बुद्धेश्वर उरांव पर 15 लाख, सबजोनल कमांडर रंथु उरांव पर पांच लाख व एरिया कमांडर लजीम अंसारी पर दो लाख रुपये का इनाम सरकार ने रखा है. ग्रामीणों से अपील की है कि इन नक्सलियों की सूचना दें. इनाम की राशि सूचना देने वाले व्यक्ति को दी जायेगी. नाम गुप्त रखा जायेगा. एसपी ने कहा कि नक्सली अपने नीति व सिद्धांत से भटक गये हैं. नक्सली गांव के बेकसूर लोगों को निशाना बना रहे हैं. इसलिए ग्रामीण इन नक्सलियों को पनाह न दें क्योंकि नक्सली जब अपने समाज के नहीं हो सकते, तो वे किसी दूसरे की क्या मदद करेंगे.
Posted By : Guru Swarup Mishra