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Jharkhand News : गुमला में ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार लड़कियां नहीं पहुंच पा रही स्कूल, शिक्षा विभाग नहीं दिखा रहा रुचि

Jharkhand News, Gumla News : ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार गुमला की लड़कियों की मुसीबत यहां भी पीछा नहीं छोड़ रहा है. इन पीड़ित लड़कियों का एडमिशन कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल में कराने को लेकर शिक्षा विभाग भी उदासीन बना हुआ है. यही कारण है कि CWC, गुमला द्वारा शिक्षा विभाग को सौंपी गयी 59 लड़कियों की सूची में से मात्र 15 लड़कियों का एडमिशन ही स्कूल में हो पाया है.

Jharkhand News, Gumla News, गुमला (दुर्जय पासवान) : झारखंड के गुमला जिले में मानव तस्करी की शिकार नाबालिग लड़कियों का स्कूलों में नामांकन नहीं हो रहा है. इन लड़कियों के नामांकन में खुद शिक्षा विभाग रुचि नहीं ले रही है. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी, गुमला (Child Welfare Committee, Gumla) ने मानव तस्करी की शिकार 59 लड़कियों की सूची शिक्षा विभाग को सौंपते हुए नामांकन करने की मांग की थी, ताकि सभी लड़कियां कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल में नामांकन लेकर शिक्षा ग्रहण कर सके. लेकिन, इन लड़कियों में से मात्र 15 लड़कियों का ही एडमिशन हो पाया है.

ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार गुमला की लड़कियों की मुसीबत यहां भी पीछा नहीं छोड़ रहा है. इन पीड़ित लड़कियों का एडमिशन कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल में कराने को लेकर शिक्षा विभाग भी उदासीन बना हुआ है. यही कारण है कि CWC, गुमला द्वारा शिक्षा विभाग को सौंपी गयी 59 लड़कियों की सूची में से मात्र 15 लड़कियों का एडमिशन ही स्कूल में हो पाया है.

CWC की माने, तो 59 में से कितनी लड़कियों का नामांकन हुआ है. इसकी कोई जानकारी शिक्षा विभाग द्वारा नहीं दी गयी है, जबकि शिक्षा विभाग से पूछताछ करने पर पता चला कि अबतक मात्र 15 लड़कियों का नामांकन ही हो गया है. जिन लड़कियों का अबतक नामांकन नहीं हुआ है. उन लड़कियों का नामांकन अब नये सत्र 2021 के अप्रैल महीने में की जायेगी.

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दोबारा तस्करी का शिकार होने का डर

जिन लड़कियों ने पढ़ने की इच्छा प्रकट की है. अगर उन लड़कियों का कस्तूरबा स्कूल में नामांकन में देरी होती है, तो वे दोबारा मानव तस्करी का शिकार हो सकते हैं. ऐसी संभावना CWC ने वक्त की है. CWC की माने, तो मानव तस्कर नाबालिग लड़कियों को ठगने में माहिर रहते हैं. नया शहर घूमने की ललक में लड़कियां तस्करी का शिकार हो जाती है.

8 महीने से एडमिशन की आस लगाये बैठी है लड़कियां : संजय भगत

इस संबंध में CWC, गुमला के सदस्य संजय भगत ने कहा कि मानव तस्करी की शिकार लड़कियां दिल्ली समेत अन्य शहरों से मुक्त कराकर गुमला लायी गयी है. इन लड़कियों ने पढ़ने की इच्छा जाहिर की थी. इसके लिए सभी लड़कियों की सूची बनाकर शिक्षा विभाग को सौंपा गया है. इसमें कई लड़कियां एक साल तो कई 6, 7 और 8 महीने से एडमिशन की आस में हैं. इसके बावजूद अभी तक कितनी लड़कियों का नामांकन हुआ उसकी कोई सूची शिक्षा विभाग नहीं दिया है.

29 लड़कियों के एडमिशन की चल रही है प्रक्रिया : एडीपीओ

वहीं, शिक्षा विभाग गुमला के एडीपीओ पियूष कुमार ने कहा कि मानव तस्करी की शिकार 29 लड़कियों के नामांकन की प्रक्रिया चल रही है. इसमें अबतक 15 का नामांकन हो चुका है. कस्तूरबा स्कूलों में सीट भर जाने के कारण नामांकन में समस्या आ रही है. जिन लड़कियों का नामांकन नहीं हुआ है. उनका नये सत्र में अप्रैल महीना में नामांकन होगा.

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कस्तूरबा स्कूल में पीड़ित लड़कियों के एडमिशन की स्थिति

ब्लॉक : एडमिशन
भरनो : 1
बिशुनपुर : 3
पालकोट : 7
डुमरी : 1
रायडीह : 1
गुमला : 2
सिसई : 0
घाघरा : 0
कामडारा : 0
बसिया : 0

Posted By : Samir Ranjan.

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