गुमला, दुर्जय पासवान : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोहरदगा संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरदर्शन भगत ने बुधवार को संसद भवन कार्यालय में मुलाकात की. मुलाकात के दौरान सांसद ने प्रधानमंत्री को गुमला जिले के डुमरी में स्थापित प्राचीनतम शिव मंदिर बाबा टांगीनाथ का चित्र भेंट किया. जिस पर प्रधानमंत्री अत्यंत स्नेह मार्गदर्शन प्राप्त हुए और गुमला, लोहरदगा संसदीय क्षेत्र के हालचाल जाना. प्रधानमंत्री द्वारा सांसद सुदर्शन भगत से संसदीय क्षेत्र में केंद्र की योजनाओं सहित संपूर्ण विकास योजनाओं की जानकारी ली.
पीएम को सौंपा पत्र
इस अवसर पर सांसद द्वारा संसदीय क्षेत्र (गुमला) में हुए मोटा अनाज (मिलेट) पर हुए सराहनीय कार्यों पर प्रधानमंत्री से चर्चा करते हुए संसदीय क्षेत्र में मिलेट पर छोटे उद्योग लगाने, लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में बॉक्साइट आधारित उद्योग स्थापित करने, अपने क्षेत्र के प्राचीनतम धार्मिक स्थलों के संबंध में विस्तृत चर्चा की. सांसद द्वारा अपने संसदीय क्षेत्र के संबंध में एक पत्र प्रधानमंत्री को दिया. जिसे प्रधानमंत्री द्वारा बहुत सकारात्मक भाव से लेते हुए आश्वासन दिया.
धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध क्षेत्र
पत्र में कहा गया कि क्षेत्रफल की दृष्टि से गुमला व लोहरदगा जिला सहित रांची जिले के मांडर विधानसभा भी लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में आता है. जनजातीय बहुल सुदूर ग्रामीण अंचल वाला यह लोकसभा क्षेत्र, धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है. वर्षा आधारित खेती व उर्वरा भूमि होने के साथ-साथ वन संपदा से परिपूर्ण लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं. बॉक्साइट जैसे खनिज से सुसंपन्न है. इस पुण्य भूमि में प्राचीन टांगीनाथ धाम (शिव मंदिर) है. जिसमें दिव्य लौह त्रिशूल स्थापित है. गुमला जिले में ही भगवान हनुमान की जन्मस्थली आंजनग्राम अत्यंत प्राचीनतम देवस्थान है. साथ ही पंपापुर एवं रामरेखाधाम जैसे धार्मिक स्थल भी निकटतम है. अदम्य साहस और शौर्य के प्रतीक परमवीर चक्र विजेता अल्बर्ट एक्का का ग्राम भी गुमला में ही है. खेलों के क्षेत्र में गुमला का देश में अभूतपूर्व योगदान है. यहां की कृषि एवं ग्रामीण आधारित जीवनशैली भी यहां की सांस्कृतिक विरासत है.
वनोत्पाद भी यहां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध
झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों के लिए सब्जी उत्पादन में बड़ा योगदान गुमला का रहता है. वनोत्पाद भी यहां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों में सेवाएं देने के साथ-साथ इस क्षेत्र के युवा बड़ी संख्या में देश के विभिन्न राज्यों में निजी क्षेत्र में नौकरियों एवं व्यवसाय में सेवारत हैं. यहां से अध्ययन के लिए काफी संख्या में देश-विदेश में लोग जाते हैं. अनेकों विशेषताओं के बाद भी यह क्षेत्र आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है. उग्रवाद से बुरी तरह से प्रभावित है. अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं एवं उच्च शिक्षा का आभाव है. रोजगार के अवसरों का अभाव है. यहां के लोग और यह पूरा क्षेत्र अनेकों विशेषताओं के बाद भी अनेकों विषमताओं एवं आभावों में जीवन यापन कर रहे हैं. अतः यहां के लोग बड़ी संख्यां में पलायन कर जाते हैं.
उद्योगों की स्थापना से लोगों को मिलेगा लाभ
सासंद ने बताया कि यहां कोई बड़ा उद्योग एवं उपक्रम स्थापित हो, तो इस संपूर्ण क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि भी होगी. साथ ही पलायन भी रुकेगा. दूसरा यदि यहां के धार्मिक स्थलों का वृहत स्तर पर सौंदर्यकरण एवं विकास हो जाये, तो यहां पर्यटन बढ़ने की भी अपार संभावनाएं है. इस संपूर्ण क्षेत्र में बॉक्साइट आधारित औद्योगिक इकाई, खाद्य प्रसंस्करण, बायो फ्यूल का प्लांट, आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण की इकाई एवं वस्त्र आधारित उद्योग आदि में से किसी एक की भी स्थापना यदि हो जाये तो इस क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में लाभांवित हो सकेंगे एवं भारत सरकार के प्रति भी और अधिक आस्था बढ़ेगी.