Jharkhand News (जगरनाथ, गुमला) : गुमला जिला में इस वर्ष बिरसा मुंडा हरित ग्राम योजना अंतर्गत 3000 एकड़ भू-भाग पर आम की बागवानी करायी जा रही है. जिले में 3000 एकड़ भू-भाग पर आम बागवानी कराने का यह लक्ष्य झारखंड सरकार द्वारा दिया गया है. बता दें कि गुमला जिला में सबसे अधिक पैदावार धान की होती है. इसके बाद यदि सबसे ज्यादा किसी फसल की पैदवार होती है, तो वह आम है.
गुमला जिले में एक या दो नहीं, बल्कि कई प्रकार के आमों की पैदावार होती है. जिसमें मालदा, लाल मालदा, दूधिया मालदा, केलवा, चौसा, आम्रपाली, बम्बईया, हेमसागर, फजली, बारामसिया, सिंदुरिया, देहाती (चुसने वाला आम) आम सहित कई प्रकार के आमों की पैदवार होती है. इसमें भी सर्वाधिक पैदावार मालदा लाल मालदा, दूधिया मालदा, आम्रपाली व देहाती आम की पैदावार होती है.
गुमला जिले के पैदावार मालदा लाल मालदा, दूधिया मालदा, आम्रपाली आम की मांग कई जगहों पर है. गुमला के आम को रांची, राउरकेला, बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में निर्यात किया जाता है. जिसे ध्यान में रखते हुए अब गुमला जिले में आम की पैदवार को बढ़ावा देने का प्रयास सरकार की ओर से किया जा रहा है.
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इधर, 3000 एकड़ में अलबर्ट एक्का जारी प्रखंड में 25 एकड़, रायडीह में 350, पालकोट में 450, सिसई में 250, कामडारा में 245, बसिया में 450, गुमला में 300, घाघरा में 450, भरनो में 100, बिशुनपुर में 150, डुमरी में 70 एवं चैनपुर प्रखंड में 160 एकड़ भू-भाग पर आम की बागवानी करायी जा रही है. 3000 एकड़ में से कुल 2599 एकड़ भू-भाग पर आम का बागवानी कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है.
3000 एकड़ में कुल 2,88,064 आम का पौधा लगाया जायेगा. जिसमें अलबर्ट एक्का जारी प्रखंड में 1456 पौधा, बसिया में 29960, भरनो में 6944, बिशुनपुर में 12320, चैनपुर में 14560, डुमरी में 3920, घाघरा में 64288, गुमला में 22960, कामडारा में 23184, पालकोट में 51240, रायडीह में 34272 एवं सिसई प्रखंड में 23184 आम का पौधा लगाया जायेगा. वहीं, 288064 में 240367 आम का पौधा लगाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्वीकृति दे दी गयी है और इसी के साथ आम का पौधा लगाने के लिए गड्ढों की खुदाई का काम भी शुरू करवा दिया है.
पालकोट प्रखंड के नाथपुर पंचायत अंतर्गत खुंटीटोली गांव निवासी किसान सोमरा उरांव योजना का लाभुक है. सोमरा अपने एक एकड़ डांड़ में आम की बागवानी करवा रहा है. सोमरा ने बताया कि मनरेगा योजना से आम बगवानी कराया जा रहा है. पेड़ के बड़े होकर फल देने तक पेड़ की सेवा करेंगे और जब उसमें फल आयेगा तो उससे हमारी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.
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सिसई प्रखंड अंतर्गत सियांग खक्सीटोली के किसान संतोष बेक योजना के तहत अपने एक एकड़ भू-भाग पर आम की बागवानी करवा रहा है. किसान ने बताया कि आम बागवानी के लिए उसके खेत में गड्ढा खुदाई का काम चल रहा है. गड्ढा खुदाई का काम पूरा होने के बाद आम का पौधा लगायेंगे. किसान ने बताया कि आम एक नगदी फसल है. आने वाले समय में इससे हमारे दिन बहुरेंगे.
जारी प्रखंड अंतर्गत ग्राम बुमतेल निवासी किसान जीवन विदयस तिर्की ने बताया कि वह योजना के तहत अपने एक एकड़ भू-भाग पर आम की बागवानी करवा रहा है. इसमें उसका पैसा नहीं लग रहा है. प्रशासन की ओर से बागवानी करवाया जा रहा है. आम बागवानी के लिए गड्ढे का खुदाई का काम पूरा हो गया है. एक एकड़ भू-भाग में कुल 112 आम का पौधा लगा रहे हैं.
घाघरा निवासी किसान दिलीप उरांव, दशरथ भगत, संजय ठाकुर आदि किसानों ने बताया कि वे लोग भी योजना के तहत एक-एक एकड़ भू-भाग पर आम की बागवानी करवा रहे हैं. आम का पेड़ जब बड़ा हो जायेगा तो पेड़ से फल के साथ ताजी-ताजी हवा भी मिलेगी. पेड़ों के कारण पर्यावरण भी साफ रहेगा. पेड़-पौधों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है. पेड़ पर फल लगने के बाद आर्थिक उन्नति भी करेंगे.
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इस संबंध में गुमला डीडीसी संजय बिहारी अंबष्ठ ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले के 3000 एकड़ भू-भाग पर कुल 2,88,064 आम का पौधा लगाने का लक्ष्य है. लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए कार्य शुरू हो गया है. पहले चरण में लाभुकों के चयन के बाद अब लाभुकों के जमीन पर आम का पौधा लगाने के लिए गड्ढों की खुदाई का काम चल रहा है. गड्ढों की खुदाई का काम पूर्ण होने के बाद उसमें आम का पौधा लगाया जायेगा.
Posted By : Samir Ranjan.