Jharkhand News (दुर्जय पासवान, गुमला) : पाकिस्तान की सेना को धूल चटाने वाले देश के महान सपूत परमवीर चक्र विजेता शहीद अलबर्ट एक्का के पैतृक घर को म्यूजियम के रूप में विकसित किया जायेगा. शहीद का घर गुमला से 70 किमी की दूर जारी प्रखंड के जारी गांव में है. शहीद का पैतृक घर फिलहाल में कच्ची मिट्टी व खपड़ा का है. शहीद की यादों को जीवित रखने व आने वाली पीढ़ियों को अलबर्ट एक्का की वीरता की गाथा को बताने के लिए उनके घर को म्यूजियम (संग्रहालय) बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
पर्यटन निदेशालय के निदेशक ने गुमला प्रशासन को पत्र भेजा है. जिसमें अलबर्ट एक्का के पैतृक घर को म्यूजियम के रूप में विकसित करने के लिए कहा है. म्यूजियम में शहीद अलबर्ट एक्का की उन तमाम जानकारियों को संग्रह कर रखा जायेगा. जिससे वर्तमान व आने वाली पीढ़ी ऐसे महानायक के जीवन से प्रेरणा लेकर देश की सेवा कर सके.
जारी प्रखंड के बीडीओ विभूति मंडल ने कहा कि शहीद के नाम से जारी में म्यूजियम बनाया जायेगा. इसका पत्र प्राप्त हुआ है. लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि म्यूजियम कहां पर बनेगा. इसलिए वरीय अधिकारियों के दिशा निर्देश के आधार पर ही शहीद के नाम से म्यूजियम बनेगा.
Also Read: गुमला डीएस ने सदर अस्पताल के एचएम का वेतन रोका, प्रभात खबर ने शौचालय की सफाई न होने पर उठाया था सवाल
शहीद अलबर्ट एक्का के पुत्र भिंसेंट एक्का ने कहा कि मेरे पिता के नाम से जारी में म्यूजियम बनना है. यह पूरे क्षेत्र के लिए खुशी की बात है. लेकिन, पुराने घर जो मेरे पिता की निशानी है और यादगारी है. इसे तोड़कर म्यूजियम बनाना गलत होगा. मैं सरकार से अपील करूंगा कि जिस स्थान पर मेरे पिता की समाधि स्थल है. वहीं म्यूजियम बने. म्यूजियम का डिजाइन ऐसा हो, ताकि समाधि स्थल म्यूजियम के अंदर हो. म्यूजियम बने तो वहां एक स्टेज भी हो. बैठने की व्यवस्था हो.
मेरे पिता के हर उस पुरानी चीज का संग्रह हो. जिसे लोग देख सके. उनकी वीरता से प्रेरणा ले सके. उन्होंने म्यूजियम बनाने से पहले समाधि स्थल के समीप पेयजल के लिए एक बोरिंग स्थापित करने की मांग किया है. उन्होंने कुछ माह पहले बने समाधि स्थल को भी और बेहतर तरीके से बनाने की मांग किया है.
गुमला जिला के जनजातीय बहुल जारी गांव में जन्मे अलबर्ट एक्का ने पाकिस्तान में घुसकर बंकर नष्ट किये थे और दुश्मनों को मार गिराया था. अलबर्ट एक्का के आदम्य साहस के कारण ही 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को शिकस्त दी थी. इस युद्ध में तीन दिसंबर 1971 को अलबर्ट एक्का शहीद हुए थे. मरणोपरांत उन्हें देश की सर्वश्रेष्ठ सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था.
Also Read: बिशुनपुर काशीनाथ महतो की मौत पर डॉक्टर की रिपोर्ट पर सवाल, पहले बताया कोरोना बाद में कहा हार्ट अटैक
1971 के युद्ध में 15 भारतीय सैनिकों को मरता देख अलबर्ट एक्का दौड़ते हुए बंदर की तरह टॉप टावर के उपर चढ़ गये थे. उसके बाद टॉप टावर के मशीनगन को अपने कब्जे में लेकर दुश्मनों को तहस नहस कर दिये. इस दौरान उसे 20 से 25 गोलियां लगी थी. पूरा शरीर गोलियों से छलनी था. वे टॉप टावर से नीचे गिर गये थे. जहां उन्होंने अंतिम सांस ली थी. वहीं, शहीद अलबर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना एक्का का 2021 के 16 मार्च को निधन हो गया था. उनका दफन क्रिया जारी में हुआ है.
जारी प्रखंड छत्तीसगढ़ राज्य से सटा हुआ है. 19 मार्च, 2010 को जारी को प्रखंड का दर्जा मिला था. बाद में प्रखंड का नामकरण शहीद अलबर्ट एक्का जारी प्रखंड के रूप में किया गया था. जारी प्रखंड में पांच पंचायत है. इसमें 60 गांव आता है. आबादी 35 हजार है. प्रखंड का विकास अभी तक ठीक ढंग से नहीं हुआ है. विकास के काम धीरे-धीरे चल रहे हैं. अभी भी यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली व सड़क की बड़ी समस्या है.
जारी गांव में शहीद अलबर्ट एक्का का म्यूजियम बनाने का मुख्य मकसद पर्यटन को बढ़ावा देना है. इसके साथ ही वीर सेनानियों की वीरता की जानकारी लोगों को देना है. म्यूजियम बनने से दूसरे राज्य व देश के लोग भी जारी गांव भ्रमण करने आयेंगे. इससे जारी प्रखंड के विकास का मार्ग भी खुलेगा.
Also Read: गुमला के घाघरा नदी में पुल नहीं, उफनते चेकडैम से होकर पार करने को मजबूर हैं ग्रामीण, सुध ले सरकार
इस संबंध में गुमला विधायक भूषण तिर्की ने कहा कि यह हमारे गुमला जिला, खासकर जारी प्रखंड के लिए गौरव की बात है कि शहीद अलबर्ट एक्का के नाम से जारी में म्यूजियम बनेगा. प्रयास रहेगा कि शहीद के पुत्र जिस तरीके से म्यूजियम बनाना चाहते हैं. उसी तरीके से म्यूजियम बने. म्यूजियम में हर वह जानकारी हो. जिससे लोगों को प्रेरणा मिल सके.
Posted By : Samir Ranjan.