Jharkhand news: परमवीर चक्र विजेता शहीद अलबर्ट एक्का के नाम से बने गुमला जिला अंतर्गत जारी प्रखंड के 11 साल हो गया. लेकिन, इस प्रखंड के 60 गांव आज भी विकास के लिए तड़प रहा है. जिस उम्मीद से जारी को प्रखंड बनाया गया. वह उम्मीद आज भी सरकारी बाबुओं के दफ्तरों के कागजों में दम तोड़ रही है. विकास के नाम पर यहां सिर्फ वादे हुए हैं. प्रखंड की जो स्थिति है. यह किसी गांव से भी बदतर है. अगर आज जारी प्रखंड अपने विकास के लिए तड़प रहा है, तो इसके पीछे राजनीति दांव-पेंच व नेताओं की बेरुखी है.
अलबर्ट एक्का जारी प्रखंड में सरकारी भवन के निर्माण पर रोक लग गया है. जारी में अस्पताल के अलावा कई भवन बनना था. 9 साल पहले इन भवनों के निर्माण पर काम शुरू हुआ था, लेकिन काम बंद है. अस्पताल नहीं रहने के कारण जारी प्रखंड के लोग छत्तीसगढ़ राज्य या फिर 70 किमी की दूरी तय कर गुमला इलाज कराने आते हैं. प्रखंड की सड़कें भी खराब है. इस प्रखंड में प्रवेश करने का हर रास्ता टूटा हुआ है. इस प्रखंड में सैनिक स्कूल खोलने की योजना थी, लेकिन मामला अब भी ठंडे बस्ते पर है.
विकास ठप होने का मुख्य कारण राजनीति दांवपेंच है. जारी प्रखंड छत्तीसगढ़ राज्य से सटा हुआ है. 19 मार्च, 2010 को प्रखंड बने जारी में पांच पंचायत है. इसमें 60 गांव आता है. आबादी 32 हजार है. यह पहला प्रखंड है. जहां सोलर से बिजली जलती है. लेकिन, कुछ ही इलाकों तक बिजली है. ग्रामीण विद्युतिकरण के तहत कई गांवों में बिजली नहीं पहुंची है. टेन प्लस टू स्कूल शुरू हुई. लेकिन महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं. शौचालय बना नहीं. कई गांव के लोग खुले में शौच करने जाते हैं.
अलबर्ट एक्का की पढ़ाई सर्वप्रथम राजकीय प्राथमिक विद्यालय, सीसी पतराटोली में वर्ग तीसरा तक हुआ था. तीसरी पास करने के बाद आरसी बालक प्राथमिक विद्यालय, भिखमपुर में पढ़ाई की है. उस समय सीसी पतराटोली स्कूल में दो कमरे का कच्चा भवन था. अभी सभी रूम पक्का बना हुआ है. वहीं, स्कूल के प्रभारी शिक्षिका रोशकांता मिंज ने बताया कि हमें सीसी पतराटोली स्कूल की शिक्षिका होने का गर्व है. चूंकि यहां भारत देश के महान सपूत अलबर्ट एक्का पढ़ाई किये थे.
Also Read: जिस घर में शहीद अलबर्ट एक्का का हुआ था जन्म, आज हो गया जर्जर, गांव में म्यूजियम बनाने की उठी मांग65 वर्षीय एतवा बड़ाइक व 68 वर्षीय दिलबोध बड़ाइक जारी गांव के सबसे वृद्ध हैं. दोनों वृद्धों ने कहा कि जारी प्रखंड बनने के बाद किसी तरह का विकास कार्य नहीं हुआ है. यहां मात्र थाना, प्रखंड, अंचल बना है. अस्पताल नौ साल से बन रहा है. लेकिन अभी तक अधूरा पड़ा हुआ है. जिससे प्रखंडवासियों को छत्तीसगढ़ और 70 किमी दूर गुमला जाकर ईलाज कराने में मजबूर हैं. गांव की सड़कों की स्थिति भी ठीक नहीं है. यहां शिक्षा का स्तर ठीक नहीं है. इसपर सरकार को ध्यान देनी चाहिए. एक सैनिक स्कूल की स्थापना हो जाती तो यहां गांव के युवा सेना में जाने के लिए पढ़ाई कर सकते हैं.
परमवीर चक्र विजेता लायंस नायक अलबर्ट एक्का के पुत्र भिंसेंट एक्का ने कहा कि मेरे पिता अलबर्ट एक्का देश के सबसे बड़े रियल हीरो थे. लेकिन, मेरे पिता के नाम से बने जारी प्रखंड का आज तक विकास नहीं हो पाया है. प्रखंड के ग्रामीण आज भी बुनियादी सुविधा से वंचित हैं. उन्होंने कहा कि जारी प्रखंड के लोगों के लिए एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की अति आवश्यक है. अस्पताल नहीं रहने के कारण यहां के ग्रामीणों को गुमला या तो जशपुर जाकर इलाज कराना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि जारी प्रखंड में अस्पताल नहीं होने के कारण दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को इलाज के लिए गुमला या जशपुर लेने के क्रम में रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. अगर जारी में अस्पताल होता तो दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति बच सकते हैं. माताओं को डिलेवरी में भी भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जारी प्रखंड में लाखों रुपये के लागत से बन रहे अस्पताल अधूरा पड़ा है. यह अस्पताल बनेगा भी नहीं यह पता नहीं चल रहा है.
इस संबंध में जारी मुखिया दिलीप बड़ाईक ने कहा कि जारी प्रखंड का विकास जिस तेजी से होना चाहिए नहीं हो पाया है. हालांकि, जारी प्रखंड में कुछ विकास के काम हुए हैं, लेकिन अभी भी विकास के कई काम होने बाकी है. सरकार से अपील है. जारी प्रखंड के विकास पर फोकस करें. जनता की मूलभूत सुविधाएं बहाल किया जाये.
वहीं, गुमला विधायक भूषण तिर्की ने कहा कि शहीद के प्रखंड जारी के विकास के लिए मैं प्रयास कर रहा हूं. अस्पताल सहित कई कमियों को दूर करने की मांग मैंने राज्य सरकार से की है. भाजपा के शासन में जारी प्रखंड में विकास के काम नहीं हुआ है. जिसका खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
रिपोर्ट: दुर्जय पासवान, गुमला.