गुमला : माहे-ए-रमजान के पवित्र महीना में गुमला शहर में मुसलिम युवा मानवता का फर्ज निभा रहे हैं. प्रवासी मजदूरों के बीच पानी, खाने की सामग्री व फल बांट रहे हैं. पैदल आने वाले प्रवासी मजदूरों के अलावा राह पर चलने वाले असहाय लोगों की भी मदद कर रहे हैं. किस प्रकार युवा मदद के लिए आगे आये हैं. पढ़ें, प्रभात खबर गुमला के ब्यूरो दुर्जय पासवान की रिपोर्ट…
गुमला के युवाओं ने शहर के सिसई रोड तालाब के समीप स्टॉल लगाया है. जहां सुबह से लेकर देर शाम तक युवा वर्ग स्टॉल में रहते हैं और जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं. जरूरतमंदों की मदद करने में मोटर्स पार्ट्स एसोसिएशन सिसई रोड के दुकानदार भी सहयोग कर रहे हैं.
गुमला में हाल के दिनों में कुछ गिने चुने असामाजिक तत्वों द्वारा जिस प्रकार माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया गया था. ऐसे असामाजिक तत्वों को यह करारा जवाब है. जब मुसलिम समाज के युवा जाति व धर्म से ऊपर उठकर मानव सेवा के लिए आगे आये हैं. ये युवा मदद के दौरान से नहीं देख रहे कि सामने वाला कोई जाति व धर्म का है. बस ये लोग मानव को संकट में देखकर मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा रहे हैं. युवाओं ने कहा कि हमारा प्रयास है. जबतक लॉक डाउन रहेगा. हम जरूरतमंदों की मदद करेंगे.
गुमला शहर का सिसई रोड नेशनल हाइवे-43 पर है. इस रूट से हर दिन हजारों प्रवासी मजदूर गुजर रहे हैं. गाड़ी से भारी संख्या में मजदूर रांची या तो फिर छत्तीसगढ़ जा रहे हैं. कई लोग पैदल सफर कर रहे हैं. इन प्रवासी मजदूरों को सिसई रोड में दो तीन मिनट रोककर उन्हें पानी, ब्रेड, फल व अन्य खाने पीने की सामग्री दी जा रही है.
जरूरतमंदों की मदद करने में मो लालो, जसीम, इरफान, नजमुल हाजी, शकील टायर, तामो, नेसार, अकबर, मिस्टर, मो कैफ, मो कैश, तहसीनल, शमीम, मो साहेब, मो सोहराब, मो अली, भोला बैट्री सहित कई लोग हैं. मोहम्मद लालो ने कहा, अभी कोरोना संकट है. लॉकडाउन भी लगा है. हमलोग हर दिन देख रहे थे कि कई लोग सड़कों से गुजर रहे हैं. वे परेशान हैं. कई लोगों को भूखे देखा. पानी को तरसते देखा. इसके बाद मोटर्स पार्ट्स एसोसिएशन के माध्यम से जरूरतमंदों की मदद की जा रही है.