Jharkhand Naxal News : झारखंड के गुमला जिले में अंतिम सांस ले रहे नक्सलियों के खिलाफ एक बार फिर बड़े ऑपरेशन की तैयारी है. बरसात खत्म होते ही गुमला पुलिस व सीआरपीएफ ने मिलकर ऑपरेशन चलाने की रणनीति बनायी है. गुमला जिला को इस बार पूरी तरह नक्सलमुक्त कराने के लिए अभियान शुरू होगा. इसके साथ ही गुमला जिले के वैसे गांव, जो नक्सल प्रभावित हैं. उन गांवों के विकास व सुरक्षा पर पुलिस व गुमला प्रशासन द्वारा मिलकर काम किया जायेगा, ताकि विकास से अछूते गांवों में बदलाव लाया जा सके. गुमला एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब, सीआरपीएफ 218 बटालियन, सीआरपीएफ 158 बटालियन व 26 बटालियन के अधिकारियों ने नक्सल अभियान को लेकर चर्चा की.
पुलिस व सीआरपीएफ ने बनायी नक्सल ऑपरेशन की योजना
गुमला के जिन इलाकों में गिने-चुने नक्सली भ्रमणशील हैं. उन्हें पकड़ने या मुठभेड़ में मार गिराने के इरादे से गुमला पुलिस व सीआरपीएफ ने रविवार को रणनीति तय की है. इसेक साथ ही पूर्व में नक्सलियों के खिलाफ चलाये गये अभियान पर चर्चा की गयी. यहां बता दें कि गुमला जिले में अब बड़े नक्सलियों की संख्या कम हो गयी है. कुछ गिने चुने नक्सली बचे हैं, जिसे पकड़ने के लिए पुलिस व सीआरपीएफ ने योजना बनायी है. इस योजना के तहत जल्द काम शुरू होगा. पुलिस की नजर में कुरूमगढ़, विमरला, दीरगांव, तुसगांव, बनालात, सेरेंगदाग सहित अन्य नक्सल इलाकों में बड़े बदलाव की जरूरत है. इसलिए इन क्षेत्रों को फोकस करते हुए पुलिस व सीआरपीएफ काम करने वाली है.
भविष्य के लिए कई योजना तैयार है : एसपी
गुमला के एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब ने कहा कि नक्सल प्रभावित गांवों के विकास व सुरक्षा के लिए भविष्य के लिए कई योजना तैयार है. प्रशासन व पुलिस मिलकर काम करेगी. जिससे गांवों में सुरक्षा देने के अलावा विकास के भी काम किये जा सके. एसपी ने कहा कि अभी भी कई गांव हैं, जहां बदलाव लाना जरूरी है. एसपी ने कहा कि सीआरपीएफ के अधिकारियों से बैठक कर कई भविष्य की योजनाओं पर विचार विमर्श किया गया है.
नक्सलियों के पास सरेंडर करने का अवसर
अभी भी गुमला में कई इनामी नक्सली भ्रमणशील हैं, परंतु पुलिस की कार्रवाई के कारण वे छिपते फिर रहे हैं. ऐसे नक्सलियों से पुलिस ने सरेंडर करने की अपील की है, ताकि ये नक्सली सरेंडर पॉलिसी का लाभ लेते हुए सुरक्षित रह सकें. पुलिस का कहना है कि नक्सलियों के पास सरेंडर करने का अवसर है. वे सरेंडर करेंगे तो सुरक्षित अपने परिवार से मिल जुल सकेंगे.
रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला