Jharkhand News: झारखंड में नववर्ष में गुमला का पालकोट घूमने की अच्छी जगह है. यहां कई प्राचीन धरोहर हैं, जिन्हें देखा जा सकता है. इस क्षेत्र को प्रकृति ने खुद संवारा है. इसलिए यहां की सुंदरता मन मोहती है. पालकोट प्रखंड का प्राचीन नाम पंपापुर है. यह धार्मिक के अलावा पर्यटक स्थल भी है. पालकोट पौराणिक, धार्मिक व ऐतिहासिक धरोहरों का जीता जागता उदाहरण है. यहां प्राचीन ऋष्यमुख पर्वत है, जो आज भी जीवंत प्रमाण है. सुग्रीव गुफा व गोबर सिल्ली पहाड़ पर्यटकों का मन मोहते हैं.
गुमला के पालकोट में मलमली गुफा है. जहां राजा बलि के डर से सुग्रीव छिपकर रहते थे. यह गुफा आज भी रामायण युग की कहानी बयां करती है. गुमला व सिमडेगा मार्ग में पड़ने के कारण यह इलाका बिहार, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, बंगाल व झारखंड राज्य का प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है. नागवंशी राजाओं का भी यह गढ़ रहा है.
मां दशभुजी महारानी मंदिर, मां पंपा भवानी पर्वत शिखर, बाबा बूढ़ा महादेव मंदिर, बाघलता भवानी, बनजारिन देवी, बेंगपाट, शीतलपुर, मलमलपुर, पवित्र निर्झर, घोड़लत्ता, हनुमान मंडा, केवड़ा लत्ता, गोपाल साईं मंडा, नवरत्न मंडा, गोबरसिल्ली, राकस टंगरा, मड़वालत्ता, मुनीडेरा, राकस टुकू, पंपा सरोवर, सुग्रीव टुकू, शबरी गुफा, लालगढ़, शेष नाग, योगी टोंगरी, मंतगमुनी का शंख, तरंगन गढ़ा, दलदली पोखर, त्रिवेणी देवराहा बाबा, कौरव पांडव पहाड़, देवगांव व सैकड़ों काजू के पेड़ हैं.
पालकोट गुमला से 25, रांची से 100 व सिमडेगा जिला से 55 किमी दूर है. यह नेशनल हाइवे से एक किमी दूर है. यहां सुबह आठ से शाम पांच बजे तक पूरे परिवार के साथ पिकनिक मना सकते हैं. सुबह छह से रात सात बजे तक बस व दर्जनों छोटी बड़ी गाड़ियां चलतीं है. पिकनिक स्पॉट के समीप घनी आबादी वाला गांव है. यहां होटल है, लेकिन सिर्फ खानपान के लिए है. दूसरे जिले के लोग अगर यहां आते हैं, तो गुमला शहर में ठहरने के लिए होटल है. टेंपो, बोलेरो व अन्य गाड़ी से यहां जा सकते हैं.
परेशानी हो तो यहां फोन करें
एसडीपीओ : 9471182118
पालकोट थाना : 9431706215
प्रभात खबर : 7004243637
रिपोर्ट: जगरनाथ