Jharkhand news: गुमला जिला अंतर्गत पालकोट प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिलाओं का इलाज डॉक्टर व नर्स के बजाय सहिया करती हैं. ऐसा ही वाक्या शनिवार की रात को पालकोट सीएचसी केंद्र में देखने को मिला. बता दें कि बंगरू पंचायत के चोरडांड़ गांव से एक गर्भवती महिला पालकोट सीएचसी केंद्र प्रसव के लिए आयी थी. जहां डॉक्टर व नर्स के नदारद रहने पर सहिया द्वारा प्रसव कराया गया.
प्रभारी चिकित्सक डॉ नरेंद्र कुमार से मोबाइल पर संपर्क करने पर कहा कि कोरोना हो गया है और वे गुमला में इलाजरत हैं. उनके बदले डॉ कृष्ण मुरारी सिंह को ड्यूटी करना है, जबकि डॉ कृष्ण मुरारी से फोन पर बात किया गया, तो उन्होंने कहा कि मेरा ड्यूटी नहीं है. प्रभारी का ड्यूटी है. दोनों चिकित्सक आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.
वहीं, मरीज की हालत खराब हो रही थी. इसके बाद बीपीएम रेखा कुमारी को फोन लगाया जाता है कि आज रात को कौन नर्स की ड्यूटी है, लेकिन बीपीएम फोन रिसीव नहीं करती है. इसके बाद गुमला सिविल सर्जन को फोन लगाया गया. फोन में बात करते हुए सिविल सर्जन डॉ राजू कच्छन का कहना है कि मैं हर संभव पालकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुधार लाऊंगा, लेकिन सुधार कब होगा. इसका सही तरीके से जवाब नहीं मिला. इस तरह पालकोट सीएचसी केंद्र में रोजाना कोई न कोई बहाना होते रहता है.
Also Read: Jharkhand News: झारखंड के इस गांव के बुजुर्गों व दिव्यांगों को नहीं मिल रही पेंशन, लगाये गंभीर आरोप
इधर, मरीज इलाज के लिए परेशान रहते हैं. इस संबंध में पालकोट प्रखंड क्रियान्वयन समिति के बीस सूत्री अध्यक्ष विनय लकड़ा ने कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य विभाग को सुधार करना है. जो भी डॉक्टर या नर्स अपने ड्यूटी से नदारद पाये जायेंगे. उनको बख्शा नहीं जायेगा. वे अपने काम छोड़कर जा सकते हैं. स्वास्थ्य व शिक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जायेगा.
Posted By: Samir Ranjan.