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कोरोना संकट में बजट के साथ पूजा पंडाल हुआ छोटा, 10 बिंदुओं में समझे श्रद्धालुओं की समस्या

Jharkhand news, Gumla news : आदिवासी बहुल गुमला जिले में इसबार कोरोना संक्रमण को लेकर दुर्गा पूजा की जो उत्साह एवं उमंग होनी चाहिए. वह थोड़ी कम देखी जा रही है. झारखंड सरकार के पूजा गाइडलाइन के मुताबिक, इसबार लोगों को आकर्षक पूजा पंडाल एवं लाइटिंग की खूबसूरती नहीं देखने को मिलेगी. घूमने का मजा भी लोग नहीं ले पायेंगे. इससे लोगों में निराशा दिखने लगा है.

Jharkhand news, Gumla news : गुमला (जगरनाथ पासवान) : आदिवासी बहुल गुमला जिले में इसबार कोरोना संक्रमण को लेकर दुर्गा पूजा की जो उत्साह एवं उमंग होनी चाहिए. वह थोड़ी कम देखी जा रही है. झारखंड सरकार के पूजा गाइडलाइन के मुताबिक, इसबार लोगों को आकर्षक पूजा पंडाल एवं लाइटिंग की खूबसूरती नहीं देखने को मिलेगी. घूमने का मजा भी लोग नहीं ले पायेंगे. इससे लोगों में निराशा दिखने लगा है.

हालांकि, दुर्गा पूजा को लेकर घरों में उत्साह है. भक्त नवरात्र का उपवास कर माता की भक्ति में लीन हैं. घरों में माता की छोटी प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जा रही है. वहीं, पूजा समितियां विधि- विधान के तहत पूजा करने में जुटे हैं. गुमला जिले में पूजा पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर 85 स्थानों पर पूजा करने की परंपरा है. लेकिन, इस वर्ष पंडाल का स्वरूप छोटा है. कई समिति तो पंडाल बना भी नहीं रहे हैं. सिर्फ मां की छोटी प्रतिमा एवं कलश स्थापित कर पूजा की जा रही है.

बता दें कि गुमला में एक समय था जब एक पूजा समिति मात्र 10 रुपये से 100 रुपये में दुर्गा पूजा कर लेते थे, लेकिन अब महंगाई के कारण बजट इतना बढ़ गया कि एक पूजा समिति का बजट लाखों रुपये में जाता है. ग्रामीण क्षेत्र में एक पूजा समिति का 50 हजार रुपये तक का बजट जाता है.

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एक आंकड़ा के अनुसार, गुमला जिले में 85 स्थानों पर पूजा होती है. अगर एक पूजा समिति कम से कम 75 हजार रुपये भी खर्च करता है, तो लगभग 64 लाख रुपये सिर्फ दुर्गा पूजा में खर्च होती है. वहीं, शहरी क्षेत्र में 11 स्थानों पर पूजा होती है. एक पूजा समिति का बजट डेढ़ से दो लाख रुपये रहता है. इस आंकड़ा के अनुसार 20 लाख रुपये सिर्फ शहर में खर्च होती है. लेकिन, इसबार कोरोना संक्रमण को लेकर ये खर्च बचेंगे. इस वर्ष पूरे जिले में करीब 9 से 10 लाख रुपये में पूजा संपन्न हो जायेगी.

समस्याएं दूर करने में अधिकारी सुस्त

दुर्गा पूजा में गुमला शहर की समस्याओं को भी दूर करने में प्रशासनिक अधिकारी उत्साह नहीं दिखा रहे हैं. अधिकारी सुस्त हो गये हैं, जबकि इस दुर्गा पूजा में गुमला शहर के लोग इन 10 समस्याओं से जूझ रहे हैं.

इन 10 समस्याओं को दूर करना जरूरी

1. सफाई : शहर में कई मुहल्लों में कूड़ा- कचरा का ढेर है. कई ऐसे इलाके हैं जहां महीनों भर से गंदगी है. इन स्थानों पर सफाई जरूरी है, जिससे लोगों को घूमने में गंदगी से परेशानी न हो.

2. बिजली : शहरी क्षेत्र में कई स्थानों पर वेपर लाइट लगाया गया है, लेकिन कई लाइट बेकार है. कोई वेपर नहीं जल रहा है. शाम के बाद कई मुहल्लों में अंधेरा हो जाता है. प्रशासन बल्ब एवं वेपर लाइट लगाने में असमर्थ है.

3. सुरक्षा : इन दिनों शहर में चोरों का आतंक है. किसी ने किसी के घर में चोरी हो रही है. बाइक चोरी भी बढ़ गयी है. चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए गुमला शहर में पुलिस की गश्ती जरूरी है.

4. सड़क जाम : शहर के कई दुकानदार मुख्य सड़कों के किनारे तक अपनी दुकान बढ़ा दिये हैं. इससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती है. पर्व में जाम से निबटने की पहल होनी चाहिए.

5. गड्ढा : शहर में कई स्थानों पर गड्ढा है. नेशनल हाइवे तक में बीच सड़क को गड्ढा कर छोड़ दिया गया है. अगर गड्ढों को भरा नहीं गया, तो रात में हादसा हो सकता है.

6. वाहनों की रफ्तार : पर्व में देखा जाता है कि वाहन शहर में घुसने के बाद रफ्तार से चलते हैं. इससे हादसा होता है. पुलिस को चाहिए की पर्व में वाहनों की रफ्तार कम हो.

7. यूरिनल : गुमला शहर में कई स्थानों पर सार्वजनिक यूरिनल (पेशाबखाना) बना है, लेकिन गंदा है. इस कारण लोग यूरिनल की जगह खुले में ही खड़े होकर पेशाब करने लगते हैं.

8. वाहन पड़ाव : गुमला शहर में जगह- जगह वाहनों को खड़ा कर दिया लाता है, जिससे जाम की समस्या उत्पन्न होती है. प्रशासन को चाहिए कि जिस वाहन के लिए जहां पड़ाव है. वहीं वाहन लगे.

9. छिनतई : पर्व के अवसर पर छिनतई की घटनाएं अधिक होती है. खासकर महिलाएं जो आभूषण पहनकर निकलती है वे सड़क लूटेरों का ज्यादा शिकार होती है. पुलिस को इसपर नजर रखनी चाहिए.

10. सड़क हादसे : शहर से हटकर जो एक्सीडेंटल जोन है उस स्थान पर कभी प्रशासन वाहन जांच नहीं करती है. न ही हादसे को रोकने की कोई पहल की जाती है. प्रशासन को चाहिए कि एक्सीडेंटल जोन पर वाहन जांच हो. रफ्तार पर भी अंकुश लगे.

Posted By : Samir Ranjan.

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