Jharkhand News (दुर्जय पासवान, गुमला) : पहले मां, फिर पिता की मौत हो गयी. अनाथ हुई तीन बहनें. प्रभात खबर में छपी इस समाचार का असर हुआ है. खुद राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले में संज्ञान लिया है. सीएम ने गुमला डीसी को ट्वीट कर निर्देश दिया है कि रायडीह प्रखंड की तीनों बेटियों को शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा सहित सभी जरूरी सरकारी योजनाओं से जोड़े. साथ ही बेटियों को पहुंचायी गयी मदद की सूचना भी देने के लिए सीएम ने कहा है. तीनों बहनों के मामले में मंत्री चंपई सोरेन ने भी संज्ञान लिया. उन्होंने डीसी को ट्वीट कर निर्देश दिया कि इन बच्चियों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराये. साथ ही यह कोशिश की जाये कि विषम परिस्थितयों में भी इनकी शिक्षा में कोई रूकावट न आये.
सीएम हेमंत सोरेन और मंत्री चंपाई सोरेन द्वारा संज्ञान लेने के बाद गुमला डीसी शिशिर कुमार सिन्हा ने मामले में गंभीरता दिखाया. डीसी ने जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा व रायडीह बीडीओ मिथिलेश कुमार सिंह को तीनों बहनों को सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए शिक्षा, सुरक्षा व जीविका की व्यवस्था करने का निर्देश दिया.
डीसी के निर्देश के बाद DSWO सीता पुष्पा व बीडीओ मिथिलेश सिंह ने तीनों बहनों को सरकारी योजना का लाभ दिया. साथ ही कई सरकारी योजनाओं से जोड़ने की पहल की. तीनों बहनों को मदद पहुंचाने के बाद डीसी ने कहा कि तीनों बेटियों की सुरक्षा, जीविका व शिक्षा प्रशासन की जिम्मेवारी. इधर, समाचार छपने के तुरंत बाद मिले सहारा से तीनों बहनें खुश हैं. बड़ी बहन मेघा मिंज ने कहा कि प्रभात खबर का मैं दिल से आभार प्रकट करता हूं. जिनकी बदौलत आज हमें हर तरह की सुविधा मिल रही है.
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बीडीओ मिथिलेश कुमार सिंह की पहल से तीनों बहनों को मांझाटोली से रायडीह ब्लॉक लाया गया. जहां DSWO सीता पुष्पा व बीडीओ मिथिलेश सिंह ने तीनों बहनों को 50 किलो चावल, 10 किलो चूड़ा व 8 किलो चीनी सहित साबुन, तेल व अन्य सामग्री दिया. बीडीओ ने अपनी तरफ से 5000 रुपये दिया.
इस संबंध में बीडीओ ने कहा कि परिवार के नाम से PHH कार्ड है. जिसे अब बदलकर अंत्योद्वय कार्ड कर दिया गया है. तीनों बच्चियों को महीने में अब 35 किलो चावल मिलेगा. बीडीओ ने कहा कि तीनों बेटियों की सुरक्षा की जिम्मेवारी प्रशासन की है. DSWO सीता पुष्पा ने बताया कि तीनों बहनों को स्पॉन्सशिप योजना के तहत प्रत्येक महीना 6000 रुपये मिलेगा. यानि एक बहन को महीने में 2000 रुपये मिलेगा. वहीं, सुकन्या योजना से तीनों बहनों को जोड़ा जायेगा. 18 साल बाद जब शादी की उम्र हो जायेगी, तो सुकन्या योजना का पैसा मिलेगा.
रायडीह प्रखंड के मांझाटोली की तीन बहन मेघा मिंज (17 वर्ष), रिया मिंज (14 वर्ष) व महिमा मिंज (9 वर्ष) अनाथ हो गयी है. चार साल पहले मां सरोज मिंज की बीमारी के कारण मौत हो गयी थी. सरोज की मौत के बाद पिता बेंजामिन मिंज अपनी तीन बेटियों की परवरिश कर रहा था. परंतु गुरुवार की शाम (दो जून 2021) को एक सड़क हदसे में बेंजामिन मिंज की भी सड़क हादसे में मौत हो गयी. जिससे तीनों बहनें अनाथ हो गयी. बड़ी बहन मेघा मिंज रांची विमेंस कॉलेज में स्नातक में पढ़ाई कर रही है. जबकि रिया मिंज व महिमा मिंज संत अन्ना मांझाटोली स्कूल में पढ़ती है.
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Posted By : Samir Ranjan.