Jharkhand News: प्रभात खबर में छपी खबर का असर हुआ है. गुमला शहर के करमटोली, बांसडीह से लेकर परसा होते हुए कांसीर तक 26 किमी पक्की सड़क बनाने का रास्ता साफ हो गया है. राज्य सरकार ने सड़क बनाने की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है. 26 किमी सड़क 62 करोड़ 72 लाख 69 हजार 200 रुपये की लागत से बनेगी. इस सड़क को ग्रामीण कार्य विभाग से हस्तांतरित करते हुए पथ निर्माण विभाग गुमला (पीडब्ल्यूडी गुमला) को दिया गया है. सड़क का चौड़ीकरण भी होगा.
आपको बता दें कि सड़क जर्जर होने से अलावा रायडीह, चैनपुर, डुमरी, जारी प्रखंड के लोगों को गुमला आने में परेशानी हो रही थी. इसके अलावा सड़क के किनारे आबाद गांव के लोग सबसे ज्यादा परेशान थे. ग्रामीण बार-बार सड़क बनाने की मांग कर रहे थे. प्रभात खबर ने सड़क का मुद्दा उठाया था. इसके बाद गुमला विधायक भूषण तिर्की ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सड़क बनाने की मांग सीएम से लिखित रूप से की थी. विधानसभा में भी सड़क बनाने की मांग उठी थी. रघुवर दास जब सीएम थे, उस समय भी सड़क बनाने की मांग उठी थी, परंतु उस समय सड़क की प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली थी. इधर, गुमला विधायक की पहल के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है.
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गुमला विधायक भूषण तिर्की ने कहा कि जनता की मांग को देखते हुए मैंने सीएम से सड़क बनाने की मांग की थी. सीएम ने पहल करते हुए पुरानी व लंबित मांग को पूरा किया है. इसके लिए सीएम का आभार. उम्मीद है कि बहुत जल्द सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. इस सड़क के बनने से गुमला विधानसभा के गुमला के अलावा रायडीह, चैनपुर, डुमरी व जारी प्रखंड के लोगों को आवागमन में फायदा होगा. अभी उबड़, खाबड़ व कच्ची मिट्टी की सड़क के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. करमटोली से लेकर कांसीर तक कि करीब 25 हजार आबादी को सड़क से सीधा लाभ होगा.
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करमटोली से लेकर कांसीर तक सड़क नहीं बनने से पांच पंचायत व शहरी क्षेत्र के कुछ हिस्सों के करीब 25 हजार आबादी प्रभावित है. यह सड़क बन जाने से गुमला शहर के करमटोली मुहल्ला, फुलवारटोली, गुमला प्रखंड के तेलगांव पंचायत के कुछ हिस्से, रायडीह प्रखंड के परसा, सिकोई, कांसीर, ऊपरखटंगा पंचायत को लाभ मिलेगा. इसके अलावा रायडीह प्रखंड के इन चार पंचायतों परसा, सिकोई, कांसीर, ऊपरखटंगा की दूरी गुमला से कम हो जायेगी. 10 से 20 किमी की दूरी कम होगी. वहीं चैनपुर, जारी व डुमरी प्रखंड की दूरी भी गुमला से कम हो जायेगी. अभी लोगों को गुमला आने के लिए रायडीह प्रखंड मुख्यालय की सड़कों से होकर गुजरनी पड़ती है. कुछ लोग मुश्किलों का सामना करते हुए बांसडीह व करमटोली सड़क से सफर करते हुए गुमला आते जाते हैं. सड़क बनने से सबसे ज्यादा फायदा इस क्षेत्र के किसानों को होगा, जो आसानी से गुमला बाजार पहुंचकर साग, सब्जी, धान, चावल बेच सकते हैं.
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सड़क खराब होने के कारण अभी गुमला पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ छापामारी अभियान चलाने में दिक्कत होती है क्योंकि सड़क जगह-जगह टूटी हुई है. ऐसे में नक्सलियों द्वारा लैंड माइंस बिछाने का डर बना रहता है क्योंकि यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित है. इन पंचायतों में नक्सलियों का आवागमन होता रहता है. कई बार नक्सलियों के साथ इन क्षेत्रों में मुठभेड़ भी हो चुकी है. वहीं मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी शहीद भी हो चुका है. इसलिए इस क्षेत्र में जब भी पुलिस घुसती है. बड़ी गाड़ी लेकर नहीं जाती है. अगर जाती भी है तो पूरी तैयारी व भारी भरकम सुरक्षा बलों के साथ पुलिस इलाके में घुसती है.
रिपोर्ट: दुर्जय पासवान