Prabhat Khabar Impact: बिहार में बंधक दंपती को प्रशासन ने मुक्त करा लिया है. गुमला प्रशासन ने बिहार प्रशासन से तालमेल स्थापित किया. इसके बाद शुक्रवार की रात को दंपती को कंपनी से मुक्त कराया गया. साथ ही वापस घाघरा भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. यहां बता दें कि घाघरा प्रखंड के खपिया गांव के मजदूर दंपती को बिहार के गलेज ट्रेडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में जमशेदपुर के बिचौलिए द्वारा काम दिलाने के नाम पर ले जाकर बेच दिया गया था. प्रभात खबर में खबर छपने के बाद मंत्री चंपई सोरेन ने संज्ञान लिया था. इसके बाद श्रम अधीक्षक गुमला एतवारी महतो और अहतू थाना गुमला की सब इंस्पेक्टर प्रियंका तिर्की खपिया गांव पहुंचे. जहां पीड़ित परिवार से मुलाकात कर मामले की छानबीन की.
बंधक बनाकर कराया जा रहा था काम
शनिचर उरांव ने बताया कि 20 दिन पूर्व उसके बेटे जोगेंद्र उरांव और उसकी पत्नी मदीपा कुमारी रांची गये थे, जहां से जमशेदपुर के एक बिचौलिए के माध्यम से उसे काम दिलाने को लेकर डेहरी ऑन सोन अकोढ़ी गोला गलेज ट्रेडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में ले जाया गया और वहां ले जाकर छोड़ दिया गया. पांच दिन पूर्व उसके पुत्र द्वारा फोन कर दूरभाष पर बताया कि कंपनी के मालिक हम लोगों पर निगरानी रखते हैं और गेट से बाहर भी नहीं जाने दिया जाता है. इसके साथ ही खाना भी सही से नहीं मिल रहा है और वापस घर लौटने भी नहीं दिया जा रहा है. हम दोनों बंधक बनकर काम करा रहे हैं. जल्द घर लाने के लिए आने की बात कही. मौके पर श्रमिक मित्र सूर्यदेव तुरी, समाज सेवी अशोक उरांव सहित कई लोग उपस्थित थे.
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प्रशासन ने कराया मुक्त
श्रम अधीक्षक ने प्रभात खबर को बताया कि दंपती ट्रेनिंग लेने के लिए गये हैं, परंतु जिस एजेंट के माध्यम से दंपती कंपनी में काम कर रहे हैं. वह एजेंट फोन नहीं उठा रहा है. इसलिए कंपनी के लोगों ने एग्रीमेंट के अनुसार पहले एजेंट से बात करने के बाद दंपती को घर भेजने की बात कही, परंतु प्रशासन ने संबंधित जिला के प्रशासन से बात कर दंपती को मुक्त करा लिया है. प्रशासन की मदद से दोनों को वापस लाया जा रहा है.
रिपोर्ट : दुर्जय पासवान