Jharkhand News: प्रभात खबर की सूचना के बाद झारखंड के गुमला जिले के घाघरा थाना की पुलिस की पहल पर डायन बिसाही जैसे अंधविश्वास को रोका गया. साथ ही पीड़ित महिला को सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया. गांव के लोग एक महिला को डायन-बिसाही का आरोप लगाकर उसका बाल छीलकर उसे गांव से भगाने की योजना बना रहे थे. तभी प्रभात खबर को इसकी जानकारी मिली. इसके बाद थानेदार को सूचित किया गया. थानेदार ने गांव आकर लोगों को डायन-बिसाही जैसे अंधविश्वास को लेकर जागरूक किया और कानूनी जानकारी दी.
डायन बता गांव से निकालने की बना रहे थे योजना
जानकारी के अनुसार प्रखंड की सेहल पंचायत के गोरियाडीह गांव की एक महिला पर गांव के कुछ लोग डायन बिसाही का आरोप लगा रहे थे. धीरे-धीरे पूरा गांव उस महिला को डायन कहने लगा. छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग भी महिला को डायन बिसाही की नजर से देखने लगे. गांव के कुछ लोग महिला का बाल छीलकर चुना टीका लगाकर गांव से निकालने की योजना बना रहे थे. इसकी सूचना प्रभात खबर को मिलने पर शनिवार की सुबह घाघरा थानेदार अभिनव कुमार व एसआइ मुकेश कुमार को दी गयी. जिसके बाद थानेदार दल बल के साथ तत्काल गांव पहुंचे और ग्रामीणों के साथ बैठक की.
कानूनी कार्रवाई हो सकती है
ग्रामीणों में उस महिला के प्रति इतना अंधविश्वास जकड़ चुका था कि बैठक में बुलाने पर भी कोई बैठक में नहीं पहुंचा. जिसके बाद वार्ड सदस्य गांव के पूरे घर-घर में जाकर आग्रह पूर्वक बुलाया. तब बैठक में लोग पहुंचे. जहां थानेदार ने कहा डायन बिसाही जैसी कोई बात नहीं होती है. यह सिर्फ अंधविश्वास और एक कमजोर महिला को प्रताड़ित करने का ढोंग है. डायन बिसाही जैसी कोई भी चीज नहीं होती. यदि ऐसा होता तो लोग जो चाहते वे कर लेते. बस यह मन का भ्रम है. डायन बिसाही कहना कानूनन जुर्म है. इसमें कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करते हुए लोगों को जेल भेजा जाता है. इसलिए किसी भी महिला या पुरुष को डायन बिसाही कहना यह कानूनन अपराध है. किसी को डायन बिसाही कहकर मारपीट करने से पूरा गांव बर्बाद हो जाता है. सभी के ऊपर कानूनी कार्रवाई होती है. यह एक छोटा सा गांव है. सभी भाईचारगी के साथ एक दूसरे से मिलजुल कर रहें.
हमलोगों से गलती हो रही थी : ग्रामीण
ग्रामीणों ने कहा कि नासमझी में हम लोगों से गलती हो रही थी, पर अब ऐसा कुछ भी नहीं है. गांव में भाईचारे के साथ रहेंगे. किसी भी तरह का कोई लड़ाई झगड़ा या डायन बिसाही जैसी शिकायत अब हमारे गांव से नहीं मिलेगी. इसके बाद थानेदार ने अपना फोन नंबर ग्रामीणों को देते हुए कहा किसी भी तरह की समस्या हो, तो बेहिचक हमें फोन करें.
रिपोर्ट: दुर्जय पासवान