गुमला : राज्य को आवंटन का आधा ही उर्वरक मिल पाया है. राज्य सरकार को इस अवधि तक 1.24 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 59900 मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति हो जानी चाहिए थी. इसकी तुलना में अब तक 61000 एमटी यूरिया और 37000 एमटी डीएपी ही आपूर्ति हो पाया है. इस कारण कृषि विभाग को कालाबाजारी होने की उम्मीद है. इसी के मद्देनजर राज्य मुख्यालय से टीम बनाकर भेजा गया है. स्टॉक, पॉश मशीन और ऑन स्टॉक की जांच की जा रही है.
बुधवार को उप निदेशक योजना संतोष कुमार के नेतृत्व में टीम ने खूंटी-गुमला में कई दुकानों की जांच की. पूरे राज्य में अब तक 63 प्रतिष्ठानों की जांच हुई है. इसमें एक अनुज्ञप्ति रद्द कर दी गयी है. एक अन्य की प्रक्रियाधीन है. दो पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. उप निदेशक ने बुधवार को खूंटी में सात तथा गुमला में आठ दुकानों की जांच की. गुमला में लालधर खाद बीज भंडार, नितेश खाद बीज भंडार, नारायण खाद बीज भंडार, उत्तम कृषि भंडार, कृषि वन, कृषि क्रांति, किसान खाद बीज भंडार, ओम प्रकाश खाद बीज भंडार की जांच की गयी. जहां अधिक कीमत पर खाद बेची जा रही थी. उसे चेतावनी दी गयी.
राज्य की कृषि निदेशक निशा उरांव सिंहमार ने कहा कि कृषि विभाग राज्य में यूरिया व अन्य खाद की किल्लत नहीं हो, इसके लिए काम कर रहा है. इंपोर्टेड यूरिया को बढ़ावा दिया जा रहा है. यह कम लागत में अधिक खेतों को कवर करता है. सामान्य यूरिया के मुकाबले लंबी अवधि तक पौधों को पोषक तत्व देता है. खाद की कीमत का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है. सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को दुकानों में खाद रखने की स्टॉक लिमिट तय करने को कहा गया है. किसानों से अपील की गयी है कि वे पॉश मशीन से ही खाद की खरीदारी करें.