Jharkhand news: गुमला सदर थाना क्षेत्र के बांसडीह घाटी में गत 25 जून को प्रतापपुर पुग्गू निवासी अरुण कुमार टोप्पो (30 वर्ष) की हत्या कर दी गयी थी. पत्थर से कूचकर उसे मारा गया था. इसके बाद प्रशासन ने शव को बरामद कर गुमला सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया. शुरू में शव की पहचान नहीं हुई थी. पुलिस ने 72 घंटे तक शव को गुमला अस्पताल में रखा. जब शव की पहचान करने कोई नहीं आया, तो प्रशासन ने शव को लावारिस मानते हुए दफनवा दिया.
एक सप्ताह से मृतक अरुण टोप्पो था गायब
इधर, एक सप्ताह तक मृतक अरुण टोप्पो घर से गायब था. परिजन उसे तलाश कर ही रहे थे. लेकिन, अरुण का पता नहीं चला. अंत में एक जुलाई को परिजन अरुण कुमार टोप्पो के गायब होने का मामला लेकर गुमला थाना पहुंचे. तब पुलिस ने बांसडीह से मिले शव का फोटो परिजनों को दिखाया. तब परिजन शव की पहचान अपने बेटे के रूप में की. मृतक की मां कोलेता टोप्पो ने अपने बेटे का फोटो देखने के बाद उसकी पहचान की. पुलिस के अनुसार, शव की पहचान नहीं होने पर 28 जून को शव को दफना दिया गया.
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मिट्टी और कुछ कपड़ा लेकर अंतिम क्रिया करूंगी : कोलेता
अपने पुत्र की पहचानी होने के बाद अरुण के परिजन शनिवार को गुमला थाना पहुंचकर अपने पुत्र के दफनाये गये स्थान से मिट्टी व कुछ कपड़ों का हिस्सा दिलाने की मांग किया है. इस संबंध में मृतक की मां कोलेता टोप्पो ने कहा कि उसका पुत्र अरुण 24 जून की शाम अपने स्कूटी से कहीं जाने की बात कह कर घर से निकला था. जिसके बाद वह घर नहीं आया. काफी खोजबीन के बाद भी उसका कुछ पता नहीं चल पाया. कहा कि मेरे बेटे का स्कूटी दाऊदनगर से बरामद हुआ है. किसी ने मेरे बेटे की हत्या कर उसे फेंक दिया है. मैं अपने बेटे के दफनाए हुए स्थान की मिट्टी एवं उसका पहना हुआ कपड़ा का कुछ अंश को लेकर अपने रीति-रिवाज से अंतिम क्रिया करना चाहती हूं. कोलेता टोप्पो ने बताया कि पुलिस से मांग करने के बाद बेटे के दफनाये गये मिट्टी एवं कपड़ा दिलाने की बात कही गयी है.
Posted By: Samir Ranjan.