दुर्जय पासवान, गुमला : कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से मुंबई में फंसे झारखंड प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का क्रम अब भी जारी है. इस काम में न केवल सरकार, बल्कि कई आम और खास लोग भी निजी स्तर से जुटे हुए हैं. हजारीबाग के बरही निवासी संजय मेहता भी ऐसे ही लोगों में शामिल हैं. ‘घर भेजो अभियान’ के तहत वे अब तक 70 मजदूरों को फ्लाइट के जरिये मुंबई से झारखंड ला चुके हैं.
इस पूरी मुहिम का उन्होंने नेतृत्व किया. वहीं कुछ दोस्तों के साथ मिलकर फंड की व्यवस्था की. देश में संपूर्ण लॉकडाउन के बाद मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों की पीड़ा देख संजय मेहता विचलित हो उठे. उन्होंने बेंगलुरु में अपने दोस्तों के साथ मिलकर इन मजदूरों की मदद की योजना बनायी.
दोस्तों की मदद से ही फंड जुटाया और अभियान शुरू किया. संजय ने सबसे पहले 29 मार्च को एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया. इस हेल्पलाइन पर फोन कर मुंबई में फंसे मजदूरों ने घर लौटने की इच्छा जतायी थी. इसके बाद मजदूरों को नि:शुल्क फ्लाइट से घर लाने की मुहिम शुरू हुई. संजय के मुताबिक ‘घर भेजो अभियान’ के तहत अब तक कुल 121 प्रवासी मजदूरों को झारखंड लाने के लिए फ्लाइट का टिकट बुक कराया जा चुका है. फिलहाल, दो राज्यों (झारखंड और ओड़िशा) के छह जिलों के 70 मजदूरों को फ्लाइट के जरिये झारखंड लाया जा चुका है.
घर भेजो अभियान
29 मार्च को जारी किया हेल्पलाइन नंबर, छह जून से शुरू हुआ था अभियान, अब भी जारी
121 मजदूरों के लिए बुक कराया फ्लाइट का टिकट, 70 मजदूर लाये जा चुके हैं अब तक
20 जून को गुमला, सिमडेगा के 13 मजदूर पहुंचे, 22 व 24 जून को 49 और आयेंगे
वाहन से मजदूरों को घर भी पहुंचा रहे हैं
अभियान का दूसरा चरण शुरू : घर भेजो अभियान छह जून को शुरू हुआ था. पहले चरण में छह और सात जून को 44 मजदूरों को इंडिगो की फ्लाइट (6ई 6179) से रांची लाया गया. दूसरे चरण में 16 और 20 जून को 26 मजदूरों को गो एअर की फ्लाइट (जी8-387) से रांची लाया गया. 16 जून को ओड़िशा के राउरकेला के पांच मजदूरों को भी झारखंड लाया गया. यहां से वे कार से ओड़िशा भेज गये. जबकि अन्य मजदूर झारखंड के विभिन्न जिलों के थे. 20 जून को मुंबई से 13 मजदूरों को फ्लाइट से झारखंड लाया गया.
इसमें गुमला जिला के जारी प्रखंड के आठ व सिमडेगा जिला के बानो प्रखंड के पांच मजदूर हैं. रांची हवाई अड्डा उतरने के बाद इन मजदूरों को कार और बस से उनके गृह जिला भेजा गया. फिलहाल ये मजदूर प्रशासन द्वारा बनाये गये कोरेंटिन सेंटर में ठहरे हैं. दूसरे चरण के तहत ही 22 जून की शाम गो एअर की फ्लाइट से 24 मजदूर और 24 जून को गो एयर की फ्लाइट से 25 मजदूर रांची पहुंचनेवाले हैं.
विनोबाभावे विवि के छात्र हैं संजय बेंगलुरु में चलाते हैं कंसल्टेंसी : 26 वर्षीय संजय मेहता मूल रूप से बरही के न्यू कॉलोनी के रहनवाले हैं. इनके पिता महादेव महतो होम्योपैथ के डॉक्टर हैं. संजय ने हजारीबाग स्थित विनोबाभावे विवि से स्नातक और लॉ की पढ़ाई की है. बाद में जर्नलिज्म एंड मास कॉम्युनिकेशन की पढ़ाई भी यहीं से की. फिलहाल ये बेंगलुरु में वर्टिकल डिपार्टमेंट के नाम से पीआर कंसल्टेंसी फर्म चलाते हैं. ये प्रशांत किशोर की कंपनी में भी काम कर चुके हैं.