Jharkhand News: झारखंड के गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड के तिलवारी गांव निवासी मुक्ति कुजूर बेरोजगारी में जी रहे थे. उन्होंने नौकरी के लिए काफी प्रयास किया, परंतु उन्हें नौकरी नहीं मिली, तो उन्होंने खेतीबारी करने का निर्णय लिया. खेती करने के लिए उनके पास जमीन भी नहीं थी. इसलिए उन्होंने मालम रातू गम्हरिया गांव में सात एकड़ जमीन लीज पर ली. इसके बाद वह मटर की खेती करने लगे. वह तीन साल से मटर की खेती कर आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं और कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
गुमला के मुक्ति कुजूर के इस कार्य से प्रभावित होकर गांव के अन्य युवक भी अब खेतीबारी में रूचि लेने लगे हैं. मुक्ति कुजूर ने कहा कि नौकरी नहीं मिलने से वह हताश हो गये थे, परंतु कृषि वैज्ञानिकों से सलाह ली. इसके बाद खेत लीज पर लेकर तीन साल से मटर की खेती कर रहे हैं. उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि उन्हें केसीसी लोन की सुविधा मिले, ताकि वे अच्छी तरह खेतीबारी कर सकें. खेती से न सिर्फ उन्होंने अपनी बेरोजगारी दूर की, बल्कि कई ग्रामीणों के वे रोजगार भी दे रहे हैं. उनके इस कार्य से युवा काफी प्रभावित हैं.
मुक्ति कुजूर कहते हैं कि केसीसी लोन मिलने पर वे मालत पंचायत क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बेकार पड़ी जमीन को लीज पर लेकर खेती करेंगे. मुक्ति ने कहा कि वह गांव के दो दर्जन लोगों को खेतीबारी में रोजगार भी दे रहे हैं. गांव के ज्योति लकड़ा ने कहा कि मुक्ति के इस जुनूनी कार्य को देखकर कई युवकों ने प्रेरणा ली है और अब खेतीबारी करने लगे हैं.
Also Read: आपके अधिकार, आपकी सरकार आपके द्वार: शिकायतों के ऑन स्पॉट समाधान से आवेदकों के खिले चेहरे
रिपोर्ट: जगरनाथ