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छात्रवृत्ति घोटाला : गुमला जिले में 6472 छात्रों को मिले अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप की होगी जांच, जिला कल्याण पदाधिकारी ने दिये निर्देश

Jharkhand news, Gumla news : झारखंड में छात्रवृत्ति घोटाले की तार एक-एक खुलकर सामने आ रहे हैं. धनबाद, गढ़वा के बाद अब घोटाले के तार गुमला जिला से भी जुड़ गया हुआ है. गुमला जिले में भी 50 लाख रुपये तक छात्रवृत्ति घोटाले की आशंका जतायी जा रही है. हालांकि, सिसई प्रखंड के एक स्कूल में करीब साढ़े 17 लाख रुपये का घोटाला का उजागर उसी के स्कूल के प्राचार्य ने किया है. इसलिए अंदेशा लगाया जा रहा है कि जिले के सभी 12 प्रखंड में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है.

Jharkhand news, Gumla news : गुमला (दुर्जय पासवान) : झारखंड में छात्रवृत्ति घोटाले की तार एक-एक खुलकर सामने आ रहे हैं. धनबाद, गढ़वा के बाद अब घोटाले के तार गुमला जिला से भी जुड़ गया हुआ है. गुमला जिले में भी 50 लाख रुपये तक छात्रवृत्ति घोटाले की आशंका जतायी जा रही है. हालांकि, सिसई प्रखंड के एक स्कूल में करीब साढ़े 17 लाख रुपये का घोटाला का उजागर उसी के स्कूल के प्राचार्य ने किया है. इसलिए अंदेशा लगाया जा रहा है कि जिले के सभी 12 प्रखंड में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है.

प्रभात खबर ने जब इसकी पड़ताल करते हुए कल्याण विभाग से जानकारी ली, तो पता चला कि गुमला जिले में 6472 छात्र- छात्राओं को छात्रवृत्ति की राशि दी गयी है. जिन छात्रों को शैक्षणिक सत्र 2019-2020 में छात्रवृत्ति की राशि दी गयी है उनकी जांच का निर्देश जिला कल्याण पदाधिकारी ने सभी 12 प्रखंड के बीइइओ एवं बीडब्ल्यूओ को दिया है. साथ ही एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.

जिला कल्याण पदाधिकारी के निर्देश के बाद अबतक 11 प्रखंड के अधिकारियों ने शैक्षणिक सत्र 2019-2020 में 6472 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भुगतान करने की संख्या दी है. हालांकि, छात्रों की संख्या अभी और बढ़ सकती है कल्याण विभाग ने सभी बीइइओ एवं बीडब्ल्यूओ से उन छात्रों के नाम तथा स्कूल का भी नाम मांगा है, ताकि जांच की गति तेज की जा सके.

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पहले भी हो चुका है घोटाला

पहले भी कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति घोटाला हो चुका है. दूसरे राज्य में कई छात्र डिग्री की पढ़ाई कर रहे हैं. वे छात्र संबंधित जिला के कल्याण विभाग से पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति लेते हैं, लेकिन दूसरे राज्यों में कई ऐसे शिक्षण संस्थान हैं, जो संचालित नहीं हो रहा है. लेकिन, उन शिक्षण संस्थानों के नाम पर कई छात्रों ने लाखों रुपये की छात्रवृत्ति प्राप्त कर लिया है. हालांकि, गुमला में प्रभात खबर द्वारा खबर प्रकाशित करने के बाद कल्याण विभाग ने दूसरे राज्यों में फर्जी तरीके से पढ़ाई करने वाले छात्रों की छात्रवृत्ति राशि पर रोक लगा दी थी. सरकार भी इस संबंध में पत्र जारी कर चुकी है.

एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट मांगा गया है : डीडब्ल्यूओ

जिला कल्याण पदाधिकारी अजय जेराल्ड मिंज ने जिले के सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी एवं प्रखंड कल्याण पदाधिकारी को पत्र लिखे हैं जिसमें उन्होंने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना के तहत शैक्षणिक सत्र 2019-2020 में वितरित छात्रवृत्ति की जांच कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है. श्री मिंज ने कहा है कि गुमला जिला के विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया है. इस योजना से लाभांवित छात्रों की सूची प्रखंडवार एवं स्कूलवार जमा करने के लिए कहा गया है. साथ ही शैक्षणिक सत्र 2019-2020 में संबंधित स्कूल में छात्र पढ़ रहे थे या नहीं. स्कूल द्वारा उनकी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन एनएसपी पोर्टल पर स्वीकृत की गयी है या नहीं. इसकी जांच प्रतिवेदन जिला कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश सभी बीइइओ एवं बीडब्ल्यूओ को दिया गया है.

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प्रखंडवार छात्रवृत्ति मिले छात्रों की संख्या

प्रखंड : विद्यार्थियों की संख्या
सिसई : 1208
बसिया : 264
घाघरा : 717
चैनपुर : 218
बिशुनपुर : 177
पालकोट : 381
रायडीह : 147
कामडारा : 171
भरनो : 1083
गुमला : 1952
जारी : 154
डुमरी : शून्य
कुल : 6472

Posted By : Samir Ranjan.

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