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कोरोना महामारी में बहनों ने भाइयों की रक्षा के लिए बांधी राखी

Raksha Bandhan 2020 : कोरोना महामारी (Coronavirus pandemic) के बीच सोमवार को बहनों ने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधी. रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) के अवसर पर कोरोना के कारण इलाकों में चहल-पहल भले ही ना दिखी हो, लेकिन बहनों के चेहरे पर मुस्कुराहट जरूर देखने को मिली. गुमला के विभिन्न क्षेत्रों में रक्षा बंधन का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया गया. कोरोना के कारण इस बार राखी का बाजार काफी फीका रहा, जिसके कारण दुकानदारों के चेहरे पर मायूसी जरूर देखी गयी.

Raksha Bandhan 2020 : गुमला : कोरोना महामारी (Coronavirus pandemic) के बीच सोमवार को बहनों ने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधी. रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) के अवसर पर कोरोना के कारण इलाकों में चहल-पहल भले ही ना दिखी हो, लेकिन बहनों के चेहरे पर मुस्कुराहट जरूर देखने को मिली. गुमला के विभिन्न क्षेत्रों में रक्षा बंधन का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया गया. कोरोना के कारण इस बार राखी का बाजार काफी फीका रहा, जिसके कारण दुकानदारों के चेहरे पर मायूसी जरूर देखी गयी.

भरनो में हर्षोल्लास से मना रक्षा बंधन

भरनो में रक्षाबंधन का त्योहार हर्षोउल्लास से मनाया गया. बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर भगवान से अपने भाइयों की सलामती की दुआ मांगी. कोरोना महामारी के बावजूद भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का त्योहार रक्षाबंधन के उत्साह में कमी नहीं आयी, लेकिन देश- प्रदेश में रहने वाली बहनें अपने भाइयों के पास नहीं पहुंच सकीं. वहीं, भरनो में राखी का बाजार बिल्कुल फीका रहा. हर साल की अपेक्षा इस साल काफी कम मात्रा में राखी की बिक्री हुई, जिससे दुकानदार मायूस नजर आयें.

कामडारा में रक्षा बंधन

प्रखंड मुख्यालय समेत आंचलिक क्षेत्रों में रक्षा बंधन का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. रक्षा बंधन को लेकर लोगों में काफी उत्साह और उमंग देखने को मिला. सुबह में ही स्नान कर बहनों ने अपनी भाई की कलाई में विधिपूर्वक रक्षा सूत्र बांध कर भाई की दीर्घायु की कामना की. भाइयों ने भी बहनों को प्रेम स्वरूप उपहार दिये. इस मौके पर लोग लजीज व्यंजन एवं मिठाई का जम कर लुप्त उठायें, हालांकि कोविड 19 को लेकर चौक- चौराहों पर विरानी छायी रही.

सावन माह की अंतिम सोमवारी के दिन कामडारा प्रखंड के महादेव मंडा स्थित शिव मंदिर, बटेश्वर विकास धाम जरिया, प्राचीन शिव मंदिर पहाड़गांव आमटोली और प्राचीन शिव मंदिर पारही बानपुर में क्षेत्र के शिव भक्त जलाभिषेक कर पूजा अर्चना किये. सभी मंदिरों में प्रबंधन समिति द्वारा सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कराया गया. सुबह से ही पूजा अर्चना वालों की भीड़ रही. इस अवसर पर श्रद्धालु पूर्णिमा स्नान कर जरूरतमंद लोगों के बीच दान- पुण्य का काम भी किये.

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पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांध कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प

भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षा बंधन बिशुनपुर प्रखंड में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर बहनों द्वारा अपने भाइयों के कलाइयों पर राखी बांधकर उनकी लंबी आयु एवं सुख- समृद्धि की कामना की गयी. वहीं, विकास भारती बिशुनपुर परिसर में लगे पेड़ों पर संस्था के कार्यकर्ताओं द्वारा रक्षा सूत्र बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लिया गया. इस मौके पर संस्था के संयुक्त सचिव महेंद्र भगत ने ज्ञान निकेतन के बच्चों एवं संस्था के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि रक्षा बंधन एक ऐसा पवित्र त्योहार है, जहां बहनों द्वारा भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी सुख और समृद्धि की कामना की जाती है, वहीं भाइयों द्वारा भी बहनों को सुरक्षा देने का संकल्प लिया जाता है. इसी के तहत आज पेड़ पर रक्षा सूत्र बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया है, क्योंकि पेड़ से ही लोगों का जीवन है. पेड़ हमें शुद्ध हवा एवं पानी देती है, जो जिंदगी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इसलिए हम सभी को अपनी बहनों के साथ- साथ सभी पेड़-पौधों की भी रक्षा करने का संकल्प लेनी चाहिए, ताकि पर्यावरण का संरक्षण हो सके. इस मौके पर कुमकुम मैत्रा, अजीत उरावं, विनोद कुमार, अनिल सिंह सहित कई लोग मौजूद थे.

जारी में मना रक्षा बंधन

जारी प्रखंंड में प्रेम और स्नेह का पर्व रक्षा बंधन धूमधाम से मनाया गया. बहनों ने भाइयों की कलाई में रक्षा सूत्र बांध कर दीर्घायु की कामना की, वहीं भाइयों द्वारा भी बहन की रक्षा का संकल्प लिया. यह पर्व भाई- बहन के अटूट रिश्ते, प्यार, त्याग और समर्पण को दर्शाता है और भाई द्वारा बहन के लिए उपहार देकर खुशी जतायी जाती है.

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बसिया में रक्षा बंधन की धूम

बसिया प्रखंड मुख्यालय एवं आस- पास के क्षेत्र में सावन पूर्णिमा एवं रक्षा बंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. वैश्विक महामारी कोरोना के कारण एक ओर जहां शिव भक्ति का पावन महीना सावन पूरी तरह फीका नजर आया, वहीं सावन के अंतिम सोमवारी के साथ रक्षा बंधन का त्योहार भी फीका दिखा. हालांकि, लोग सुबह से ही आसपास के शिवालयों में पूजा- अर्चना करते नजर आयें, लेकिन सड़कों में रौनक बिल्कुल नजर नहीं आयी. वहीं, महामारी के मद्देनजर बसिया तिर्रा कोना स्थित प्राचीन मंदिर को समिति द्वारा बंद कर दिये जाने से मंदिर परिसर में विरानी छायी रही.

उल्लेखनीय है कि इस ग्रामीण बहुल क्षेत्र में सावन माह में शिव भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिलता था. पूरे सावन महीने सड़कों में गेरूआ वस्त्रधारी कावरियों की टोली दिखती थी, जो इस बार नहीं दिखा. वहीं, मंदिरों में पूजा करने वाले लोगों ने भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पूजा- अर्चना किये. लॉकडाउन के कारण यात्री वाहनों पर लगी रोक ने रक्षा बंधन में अपने भाइयों को राखी बांधने कई बहनें नहीं जा सकी. बाजार में दिखने वाली चहल- पहल भी इस बार नहीं दिखी.

Posted : Samir Ranjan.

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