सांसद सुदर्शन भगत ने झारखंड राज्य में हो रहे वनों की अवैध कटाई से उत्पन्न स्थिति से लोकसभा अध्यक्ष को अवगत कराया है. उन्होंने कहा है कि झारखंड राज्य अपने समृद्ध वन संपदा के लिए जाना जाता है. घने वन व वन आधारित जीवनशैली यहां की पहचान है. यहां की अर्थव्यवस्था की धुरी भी है. घने वन झारखंड को देश के सभी राज्यों से अलग पहचान बनाते हैं. वनों के संरक्षण के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा कई नियम भी बनाये गये हैं.
वनों के संवर्धन के लिए अब समाज भी जागरूक हुआ है. किंतु गत कुछ दिनों से झारखंड राज्य, विशेषकर मेरे संसदीय क्षेत्र के पेशरार प्रखंड एवं आसपास के प्रखंडों में बड़े पैमाने पर वनों की अवैध कटाई की जा रही है. जनसंपर्क के समय स्थानीय लोगों द्वारा एवं आये दिन समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त होते रहती है. स्थानीय प्रशासन भी मूकदर्शक बना रहता है. इस संबंध में राज्य सरकार भी उदासीन है. यही स्थिति गुमला जिले में भी है.
उन्होंने वनों की अवैध कटाई को अत्यंत गंभीर बताया है. इसलिए यह मुद्दा सदन में उठाना चाहता हूं. जिससे कि झारखंड के गुमला व लोहरदगा जिले में चल रही वनों की अवैध कटाई बंद हो सके. वनों को अवैध रूप से कटाई करने वालों एवं इससे जुड़े अवैध व्यवसायियों के विरुद्ध विधि संवत कार्यवाही की जा सके.
आप के माध्यम से सरकार से अनुरोध है कि लोहरदगा एवं गुमला जिले में पांच वर्षों में लगातार घटते वनों का पुनः सर्वेक्षण करवाने का कष्ट करें. साथ घटते वन क्षेत्रों के कारण व अवैध कटाई की जांच के लिए केंद्रीय जांच टीम भेज कर इसकी गहन समीक्षा एवं सर्वेक्षण करवाने का कष्ट करें. राज्य सरकार को यथायोग्य दिशा निर्देश जारी करने का कष्ट करें.