Jharkhand News (जगरनाथ, गुमला) : कामधेनु डेयरी फार्मिंग से लाभांवित करने के लिए जिला भर से चयनित लाभुकों को पिछले दो साल में भी योजना का शत-प्रतिशत लाभ नहीं दिया जा सका है. कामधेनु डेयरी फार्मिंग योजना वित्तीय वर्ष 2018-19 की है. यह योजना सिर्फ टाना भगतों के लिए है.
योजना के तहत जिला गव्य विकास कार्यालय, गुमला द्वारा शत-प्रतिशत अनुदान पर चार-चार गाय देने के लिए जिले भर के 42 टाना भगत परिवारों का चयन किया गया है. लेकिन, विडंबना है कि इन 42 में से अब तक महज 36 लाभुक टाना भगत परिवारों को मात्र दो-दो गाय ही उपलब्ध कराया गया है. इसके बाद दो साल गुजर जाने के बाद भी अब तक ना तो उक्त 36 टाना भगत परिवारों को और दो-दो गाय दिया गया है और न ही बाकी बचे 6 लाभुक टाना भगत परिवारों को योजना से लाभांवित करने के लिए खोज-पड़ताल किया गया है.
बता दें कि टाना भगत परिवारों को कामधेनु डेयरी फार्मिंग योजना से जोड़ने का उद्देश्य जिले में पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है. जिस टाना भगत परिवारों को योजना के तहत गाय मुहैया कराया जाना है. वे टाना भगत उक्त गाय का दूध निकाल कर बाजार में बिक्री करेंगे. इससे जो आमदनी होगी. उससे टाना भगत परिवारों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. लेकिन, अब तक सभी लाभुकों को शत-प्रतिशत गाय मुहैया नहीं कराया गया है.
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घाघरा प्रखंड निवासी भादो टाना भगत, भिनसरिया टाना भगत, मुनी टाना भगत, कुंवारी टाना भगत, पंचोला टाना भगत, चंद्रमुनी टाना भगत, धुचित टाना भगत, बियारी टाना भगत, सुलेखा टाना भगत, किरण टाना भगत, बुदी टाना भगत तेतरी टाना भगत, बिरसो टाना भगत, नंदु टाना भगत, बिनी टाना भगत, बुधमन टाना भगत, जगलाल टाना भगत, सावित्री टाना भगत, चंद्रमुनी टाना भगत, एतमनिया टाना भगत, ललिता टाना भगत, तेंबी टाना भगत, सोमारी टाना भगत, सोमती टाना भगत, गंदु टाना भगत, कलावती टाना भगत, दीपिका कुमारी, तारामणि टाना भगत, सुकरमुनी टाना भगत, आशा टाना भगत, भरनो प्रखंड क्षेत्र निवासी शांति टाना भगत, चरिया टाना भगत, भंडरा निवासी बसंती कुमारी, सिसई प्रखंड क्षेत्र निवासी पाचो टाना भगत, बुधमनिया टाना भगत, रूपनी टाना भगत, राम टाना भगत, चंद्रपाल टाना भगत, महली टाना भगत, लालु टाना भगत एवं बिशुनपुर प्रखंड क्षेत्र निवासी उर्मिला टाना भगत व अमृता टाना भगत शामिल हैं.
कामधेनु डेयरी फार्मिंग योजना के तहत 36 टाना भगत परिवारों को चार-चार में से दो-दो गाय मुहैया कराने के बाद जिला गव्य विकास विभाग द्वारा अब तक लाभुक के यहां जाकर गाय की जांच नहीं की गयी है. लाभुकों को गाय मुहैया कराने के बाद विभाग द्वारा लाभुकों के घर-घर जाकर गाय की स्थिति, गाय कितना दूध दे रही है, गाय का बच्चा हुआ है या नहीं, गाय को किसी प्रकार की बीमारी तो नहीं अथवा लाभुक गाय को स्वयं पाल रहा है या लाभुक ने गाय को किसी दूसरे से बिक्री कर दिया है सहित कई बिंदुओं की जांच करनी है. लेकिन, विभाग द्वारा अब तक इसकी भी जांच नहीं की गयी है. इसके अतिरिक्त बाकी के 6 लाभुक टाना भगत परिवारों को भी गाय मुहैया कराया जाना है. लेकिन, विभाग द्वारा इसकी जांच नहीं की जा रही है.
इस संबंध में जिला गव्य विकास विभाग के प्रभारी गव्य विकास पदाधिकारी डॉ मीनू शरण ने बताया कि योजना दो वर्ष पुरानी है. 42 में 36 लाभुकों को दो-दो गाय उपलब्ध कराया गया है. बाकी के दो-दो गाय भी जल्द ही उपलब्ध कराया जायेगा. वहीं, बाकी बचे 6 लाभुकों के संबंध में बताया कि बाकी के लाभुकों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मैंने देवाकी के भ्रमण में एक लाभुक से मुलाकात किया था. उस लाभुक के गाय का बच्चा भी है. अन्य लाभुकों के गाय की स्थिति की जांच करायी जायेगी. इसके लिए गव्य तकनीकी पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है.
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Posted By : Samir Ranjan.