Triple Murder Case : गुमला(दुर्जय पासवान) : गुमला जिले के बसिया प्रखंड में वर्ष 2013 में हुए तिहरे हत्याकांड में पहाड़ी चीता गिरोह के तीन सदस्यों को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी. आरोपी दीपक नाग, विमल किंडो व जीतिया उरांव को अदालत ने सजा सुनायी. आपको बता दें कि ऊंचडीह कोनसकेली निवासी तुलसी दास, हीरालाल सिंह व नवाटोली निवासी फरदीनंद सोरेन की नृशंस हत्या की गयी थी. हत्याकांड के बाद मृतक तुलसी दास की पत्नी ज्योति बा ने पहाड़ी चीता गिरोह के सदस्यों के नाम से प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
एडीजे-छह राकेश कुमार मिश्रा की अदालत ने तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनायी. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक मोहम्मद जावेद हुसैन ने पैरवी की. प्राथमिकी के अनुसार 22 जुलाई 2013 को 8:00 बजे तुलसी दास अपनी पत्नी एवं बच्चों के साथ घर पर था. उसी दौरान बाहर से दरवाजा खोलने के लिए कहा गया. परंतु डर से दरवाजा नहीं खोला. जिस पर घर का दरवाजा तोड़कर मिलिट्री ड्रेस पहने दो अपराधी अपने हाथ में बंदूक लिए घर में घुस गये. इसके बाद तुलसी दास को पकड़ लिया. तुलसी को पकड़कर अपराधी अपने साथ कुछ लोगों का घर दिखाने के लिए ले गये. उस समय अपराधियों की संख्या सात-आठ थी.
सभी मिलिट्री ड्रेस पहने हुए थे. तुलसी दास के घर के बगल में ही हीरालाल सिंह का घर था. जिसके घर का दरवाजा अपराधी तोड़ रहे थे. अपराधियों ने तुलसी की पत्नी व उसके बच्चों को घर में बंद कर दिया था. इसके बाद अपराधी तुलसी व हीरालाल को अपने साथ पकड़कर ले गये. इस दौरान तुलसी व हीरालाल के परिवार की आवाज सुनकर गांव के लोग जागे, परंतु तब तक अपराधी वहां से जा चुके थे. जाते समय अपराधियों ने अपने को पहाड़ी चीता गिरोह का सदस्य बताया था.
घटना के दूसरे दिन परिवार व गांव के लोग तुलसी व हीरालाल को खोजने निकले. कोनसकेली जानेवाले रास्ते में तुलसी दास एवं हीरालाल का शव मिला. दोनों का सर व पैर अलग–अलग कर दिया गया था. कुछ दूर पर ऊंचडीह कुजरीटोला के पास हीरालाल सिंह का कटा सिर मिला. इसके बाद पता चला कि अपराधियों ने कोनसकेली नवाटोली गांव के फरदीनंद सोरेंग को घर से निकाल कर कुरकुरा जानेवाला रास्ते में गोली मार कर हत्या कर दी थी.
तीनों आरोपियों को धारा 302/149 के तहत आजीवन कारावास व 20 हजार रूपये का जुर्माना लगाया गया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर दो साल अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. धारा 364/34 के तहत आजीवन कारावास 20 हजार रूपये का जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर दो साल अतिरिक्त सजा. धारा 27 आर्म्स एक्ट के तहत सात साल की सजा व सात हजार रूपये जुर्माना लगाया गया. जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त सजा भुगतना पड़ेगा. धारा 148 के तहत तीन साल की सजा, तीन हजार रूपये का जुर्माना व जुर्माना की राशि नहीं देने से तीन महीने का अतिरिक्त सजा. धारा 147 के तहत दो साल की सजा और दो हजार का जुर्माना व जुर्माना की राशि नहीं देने पर तीनों दोषियों को दो-दो माह अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.
Posted By : Guru Swarup Mishra