Jharkhand News: गुमला जिला अंतर्गत भरनो प्रखंड के सुपा महुआटोली गांव के दो अनाथ भाइयों का जीवन कष्ट में गुजर रहा है. इनकी जिंदगी संघर्ष से भरी है. बड़ा भाई बेने उरांव और छोटा भाई बिदियस उरांव है. इसमें बिदियस मूक-बधिर है. वह कुछ बोल नहीं पाता है. गरीबी ऐसी है कि खाने को मोहताज है. पढ़ाई तो छूट गयी है.
प्लास्टिक के सहारे रात गुजारने को मजबूर दो अनाथ भाई
इनके पिता झड़िया उरांव एवं मां जुली उरांइन की मौत बीमारी से हो गयी. इसके बाद दोनों भाइयों के सामने खाने-पीने के अलावा रहने का भी संकट है. घर है, लेकिन प्लास्टिक बांधकर रहते हैं. बरसात और ठंड के दिनों में परेशानी होती है. इसलिए पड़ोस के एक घर में दोनों भाई सोते हैं. इन दिनों भाइयों की देखरेख इनकी फुआ दानी उरांइन कर रही है.
दोनों भतीजे की परवरिश के लिए फुआ ने नहीं की शादी
फुआ दानी उरांइन का जीवन भी किसी संघर्ष से कम नहीं है. भाई और भाभी की मौत के बाद दो अनाथ भतीजे की परवरिश के लिए दानी उरांइन ने शादी नहीं की. जब झड़िया उरांव एवं जुली उरांइन की मौत हुई थी, तो दोनों भाई छोटे थे. माता-पिता की मौत से अनभिज्ञ थे. दानी उरांइन के मन में आया कि अगर वह शादी कर लेगी, तो उनके अनाथ भतीजों की कौन परवरिश करेगा. इसलिए उसने शादी नहीं की और कुली-मजदूरी कर दोनों भाइयों की परवरिश कर रही है.
Also Read: ED की कार्रवाई से झारखंड सरकार को नहीं है कोई खतरा, दुमका में बोले मंत्री आलमगीर आलम
प्रशासन से मदद की गुहार
अब दोनों भाई बड़े हो गये हैं, तो फुआ की चिंता बढ़ गयी है. उन्होंने प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है. इधर, अनाथ भाइयों की समस्या की जानकारी मिलने पर समाजसेवी बुधेश्वर उरांव गांव पहुंचकर समस्याओं से अवगत हुए. उन्होंने फोटो और वीडियो भेजकर दोनों भाइयों की जिंदगी के कष्टमय जीवन की जानकारी दिया है. साथ ही प्रशासन से मदद की गुहार लगाया है. मिशन बदलाव के प्रवक्ता अन्नत कुमारी ने कहा कि अनाथ भाइयों को मदद मिले. इसके लिए सरकार को ट्वीट कर मदद की मांग की गयी है.
रिपोर्ट : जगरनाथ पासवान, गुमला.