गुमला, दुर्जय पासवान : गुमला जिला के चैनपुर प्रखंड में रौतिया जाति की जमीन को दलालों द्वारा बेच दिया जा रहा है. इसमें प्रशासन की भी संलिप्तता का आरोप लगाया गया है. जमीन दलालों की इस करतूत से रौतिया जाति का गुस्सा फूट पड़ा और मंगलवार को चैनपुर मुख्यालय की मुख्य सड़क को चार घंटे जाम रखा. रौतिया जाति के अनुसार, 50 एकड़ से अधिक जमीन को दलालों द्वारा अंचल कर्मियों की मिलीभगत से फर्जी तरीके से लिखवा लिया गया. जिससे रौतिया समाज में आक्रोश है. चैनपुर बस स्टैंड को जाम कर आक्रोश प्रदर्शन किया. शव भी बीच सड़क पर रखा. बस स्टैंड लगभग चार घंटे जाम रहा. जिससे राहगीरों व यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करा लेने के सदमे में एक ही हुई मौत
बता दें कि जमीन पर दूसरे का कब्जा सुनने के बाद रौतिया समाज के छतरपुर निवासी महीनाथ रौतिया उर्फ बेनी की मौत सदमे से हो गयी थी. लोगों ने बताया कि महीनाथ की जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करा लेने के सदमे में उसकी मौत हो गयी. जिसके बाद रौतिया समाज के लोगों का गुस्सा भड़क उठा. समाज के लोग शव के साथ सैकड़ों की संख्या में चैनपुर बस स्टैंड पहुंच सड़क जाम कर दिया. प्रशासन व जमीन माफियाओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आक्रोश प्रदर्शन किया. इस दौरान रौतिया समाज के लोगों ने एसडीओ, सीओ व दलालों के खिलाफ नारेबाजी की. सभी लोग अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए थे.
चार घंटे बाद हटा जाम
इधर, जाम के कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. बस, बोलेरो, पिकअप, बाइक जैसे वाहनों की लंबी लाइनें लग चुकी थी. मौके पर बीडीओ डॉक्टर शिशिर कुमार सिंह, सीओ गौतम कुमार, थानेदार आशुतोष कुमार सिंह जाम स्थल पहुंचे. काफी मशक्कत करने के बाद जाम को हटाया गया. अधिकारी जैसे ही जाम स्थल पर पहुंचे. रौतिया समाज के लोगों ने जमकर नारे लगाना शुरू कर दिया. काफी मशक्कत के बाद प्रशासन के आश्वासन के बाद जाम हटाया गया.
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बीडीओ ने दिया लिखित आश्वासन
बीडीओ डॉ शिशिर कुमार सिंह ने लिखित आश्वासन देते हुए एक शिष्टमंडल को प्रखंड कार्यालय बुलाया गया है. जहां गलत तरीके से जो भी जमीन रौतिया समाज का लिखा गया है. सभी को रद्द करने की बातें कही गयी. साथ ही मृतक परिवार के बच्चों को कस्तूरबा विद्यालय में एडमिशन करने, जमीन वापसी करने का आश्वासन दिया गया.