Jharkhand News: झारखंड का गुमला जिला जादू-टोना, भूत-पिशाच व डायन-बिसाही जैसे अंधविश्वास में जकड़ा हुआ है. यही वजह है कि गुमला में अंधविश्वास में हत्या होती रहती है. यहां तक कि गांव से निकालने, बहिष्कार करने व प्रताड़ित करने का भी मामला आये दिन सामने आता है. गुमला जिले में सबसे ज्यादा अंधविश्वास के मामले आते हैं. इसका उदाहरण हाल के वर्षों में तीन से अधिक लोगों की डायन बिसाही में हुई हत्या है. इसमें कुछ घटनाओं ने पूरे समाज को झकझोर दिया है.
गुमला की घटना ने सरकार तक को अंधविश्वास के खिलाफ सोचने पर मजबूर कर दिया. डीसी, एसपी के अलावा पूरा सिस्टम परेशान रहा, लेकिन अंधविश्वास की जो मोटी परत गुमला में जमी है. वह कम होती दिखायी नहीं दे रही. अंधविश्वास में हत्या के अलावा वृद्धों को सिर मुड़कर गांव से निकालने तक की घटना घट चुकी है. सबसे दुखद यह है कि कई ऐसी घटनाएं पढ़े लिखे लोगों के सामने हुईं, लेकिन पढ़े लिखे लोग मूकदर्शक बने रहे. सबसे ज्यादा अंधविश्वास की घटनाएं गांवों में घटित होती हैं.
अंधविश्वास को खत्म करने के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं को आगे आना होगा. गांव में काम कर रही महिला समूहों को भी इसमें अहम भूमिका निभानी होगी. जनप्रतिनिधि भी इसमें रूचि दिखाते हुए लोगों को जागरूक करें. तभी गांवों से अंधविश्वास खत्म होगा क्योंकि प्रशासन के भरोसे अंधविश्वास को खत्म नहीं किया जा सकता है.
गुमला में अंधविश्वास के फैलती जड़ों को खत्म करने के लिए प्रशासन व गुमला पुलिस गांव-गांव में जागरूकता अभियान चला रही है. जरूरत के अनुसार प्रशासनिक अधिकारी भी गांव जाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इसका असर नहीं पड़ रहा. प्रशासन का मानना है कि गांव की महिलाएं जिस दिन समझ जायेंगी कि अंधविश्वास मन का भ्रम है. उस दिन से अंधविश्वास खत्म हो जायेगा.
2021 में अंधविश्वास में घटी दो घटनाएं
केस एक : कामडारा प्रखंड के पहाड़गांव में अंधविश्वास में पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी गयी थी. ग्रामीणों ने पहले बैठक की थी. इसके बाद सभी को मौत के घाट उतार दिया था.
केस दो : गुमला के लुटो पनसो गांव में डायन बिसाही में भतीजे ने चाचा, चाची व भाभी की टांगी से काटकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने आरोपी भतीजा विपता उरांव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
2022 में अंधविश्वास में घटी दो घटनाएं
केस एक : एक जनवरी 2022 की रात को सिसई थाना के लकेया गांव में बुजुर्ग महिला को डायन बिसाही कहकर प्रताड़ित किया जाता था. जब उसके दो बेटों ने विरोध किया तो गांव के कुछ लोगों ने दोनों बेटों को बिजली पोल में बांधकर पीटा. एक बेटे की आंख फोड़ दी.
केस दो : तीन जनवरी 2022 को पालकोट थाना के टेंगरिया गांव में एक बच्ची के बीमार होने से भगत के कहने पर गांव के कुछ लोग अंधविश्वास में आ गये. वृद्ध महिला फूलकुमारी देवी की हत्या करने की योजना बनायी गयी थी. महिला के घर पर पत्थर फेंका गया.
अंधविश्वास (डायन बिसाही) में आठ वर्षों में हुई हत्या
वर्ष हत्या
2014 11
2015 10
2016 07
2017 11
2018 05
2019 03
2020 03
2021 12
डालसा के सचिव आनंद सिंह ने कहा कि अंधविश्वास मन का भ्रम है. लोगों को जागरूक होना होगा. पढ़े लिखे लोगों को अंधविश्वास को खत्म करने के लिए आगे आना होगा.
रिपोर्ट: दुर्जय पासवान