बिशुनपुर (बसंत कुमार) : झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिला गुमला में एक व्यक्ति की कोरोना वायरस के संक्रमण जैसे लक्षण वाली अज्ञात बीमारी से मौत हो गयी है. उसके परिवार के तीन सदस्य इसी बीमारी से गंभीर रूप से पीड़ित हैं. लेकिन, डॉक्टर ने उस गांव में जाने से इन्कार कर दिया है.
मामला बिशुनपुर प्रखंड मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर दूर होलगं गांव का है. गांव के चरणा मुंडा के पुत्र गुलाब मुंडा (18) की अज्ञात बीमारी से शुक्रवार की देर रात मौत हो गयी. चरणा मुंडा ने बताया कि उसका एक बेटा बंधनू मुंडा पटना के दीदारगंज कमाने गया था. एक महीना पहले वह गांव लौटा था.
गांव आने पर डॉक्टरों ने उसे होम कोरेंटिन में रहने के लिए कहा. इसके बाद पिछले 4 दिन पूर्व बंधनू मुंडा को हल्का बुखार आया. सिर दर्द, सर्दी-खांसी एवं सीने में दर्द भी होने लगा. इसके बाद गांव में ही डॉक्टरी करने वालों से उसने सर्दी-खांसी की दवाई लाकर बेटे को खिलायी.
Also Read: गांव नहीं है झारखंड के सारंडा जंगल में बसा ‘रांगरिंग’, रोचक है इस गांव के बसने का इतिहासइसी दौरान उसके दूसरे बेटे गुलाब मुंडा को भी बुखार आ गया. सीने में दर्द होने लगा. शुक्रवार की रात करीब एक बजे उसकी मौत हो गयी. बंधनू एवं उसकी पत्नी सुशीला एवं 13 वर्षीय बेटा हरिइर मुंडा भी ऐसी ही बीमारी से ग्रसित हो गये हैं.
मामले की सूचना पर प्रखंड प्रमुख रामप्रसाद बड़ाईक शुक्रवार को गांव पहुंचे और मामले की जानकारी ली. सामुदायिक स्वास्थ केंद्र बिशुनपुर के प्रभारी अंकुर उरांव के पास गये. उन्हें बताया कि गांव के एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है जबकि परिवार के 3 लोग गंभीर रूप से बीमार हैं.
प्रखंड प्रमुख ने बताया कि संभवत: सभी लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण (कोविड-19) के लक्षण लग रहे हैं. इस पर डॉक्टर ने कहा कि आज उनके केंद्र की टीम बनालात जा रही है. आज किसी प्रकार का इलाज नहीं हो सकता. इलाज के लिए कल का यानी रविवार (23 अगस्त, 2020) तक इंतजार करना होगा.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के किट हमारे पास सीमित मात्रा में हैं. इसलिए हमलोग गांव जाकर पेशेंट की कोरोना जांच नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि जांच कराना ही है, तो कल तक इंतजार करना होगा. डॉक्टर के इस स्टेटमेंट के बाद प्रमुख ने सिविल सर्जन गुमला को दूरभाष पर इसकी जानकारी दी. सिविल सर्जन ने कहा कि वह मामले को देखती हैं.
Also Read: झारखंड देगा कोरोना की जांच का सबसे सस्ता किट, BIT मेसरा के डॉ अभिमन्यु और डॉ वेंकटेशन कर रहे हैं शोधप्रखंड प्रमुख ने 108 एंबुलेंस केयर को फोन किया और बीमार लोगों को अस्पताल ले जाने के लिए कहा. कोरोना के लक्षण की बात सुनते ही केयर के कर्मियों ने एंबुलेंस से मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने से मना कर दिया. 108 एंबुलेंस केयर के लोगों ने कहा कि जब तक कोरोना टेस्ट नहीं हो जायेगा, एंबुलेंस के से बीमारी से ग्रसित लोगों को नहीं लाया जा सकता.
परिवार के एक सदस्य की मौत और उसके बाद तीन लोगों के अज्ञात बीमारी से ग्रसित होने की सूचना गांव में फैलने के बाद गांव के लोग भी खौफजदा हैं. मृतक का शव घर में ही पड़ा है. गांव के लोग और सगे-संबंधी घर जाने तक से परहेज कर रहे हैं.
प्रखंड प्रमुख ने प्रखंड विकास पदाधिकारी छंदा भट्टाचार्य को डॉक्टर के व्यवहार एवं मामले की जानकारी दी. बीडीओ ने कहा है कि वह तत्काल परिवार के ग्रसित लोगों का रजिस्ट्रेशन कराकर उनका कोविड-19 जांच करने का निर्देश समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी को दिया है.
Posted By : Mithilesh Jha
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.