Jharkhand News: झारखंड के गुमला व लोहरदगा जिले की पुलिस ने भाकपा माओवादी के 15 लाख रुपये के इनामी जोनल कमांडर रविंद्र गंझू को पकड़ने व मुठभेड़ में मार गिराने के लिए तीन दिन तक ऑपरेशन चलाया, लेकिन जंगल, पहाड़ व भौगोलिक बनावट का फायदा उठाकर रविंद्र गंझू भागने में सफल रहा. हालांकि रविंद्र के भागने के बाद फिर पुलिस उसके ठिकाने की सूचना प्राप्त करने में जुट गयी है. तीन दिनों तक जुड़वानी, केराकोना व दुंदरू जंगल में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में शामिल सुरक्षा बल, गुमला व लोहरदगा जिला की पुलिस सफलता नहीं मिलने पर वापस लौट गयी है.
आपको बता दें कि भाकपा माओवादी के रिजनल सदस्य 15 लाख रुपये के इनामी बुद्धेश्वर उरांव के कुछ माह पहले मुठभेड़ में मारे जाने के बाद जोनल कमांडर रविंद्र गंझू क्षेत्र में आतंक मचाया हुआ है. रविंद्र का इलाका लोहरदगा जिला है, परंतु वह लोहरदगा के अलावा गुमला जिले में भी घुसकर नक्सली घटनाओं को अंजाम देता है. कई बार वह लातेहार जिला के सीमावर्ती इलाके में भी घुस जाता है. इसलिए गुमला व लोहरदगा के अलावा लातेहार जिले की पुलिस भी रविंद्र गंझू को पकड़ने व मुठभेड़ में मार गिराने के प्रयास में लगी हुई है, परंतु शातिर नक्सली रविंद्र गंझू हर समय पुलिस को चकमा देता रहा है.
गुमला व लोहरदगा जिले के सीमांत क्षेत्र जुड़वानी, जुड़नी, दुंदरु, चप्पाल एवं गुनी गांव के जंगलों में पिछले तीन दिनों तक माओवादियों के खिलाफ चले अभियान में रविंद्र गंझू बाल-बाल बच गया. रविंद्र के साथ कुछ नक्सली भी दस्ते में थे. वे भी रविंद्र के साथ बच गये. थाना प्रभारी सदानंद सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर रविंद्र गंझू के दस्ता को ट्रैक किया गया था. गुमला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अभियान एसपी मनीष कुमार के नेतृत्व में कोबरा, झारखंड जगुवार एवं जिला पुलिस की टीम जुड़वानी जंगल पहुंची थी. जहां दोनों ओर से लगभग एक घंटा तक गोलीबारी हुई. हालांकि इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि रविंद्र गंझू के दस्ते को तीनों ओर से घेरने का प्रयास पुलिस के द्वारा किया जा रहा था, परंतु अंधेरा व घने जंगलों की आड़ लेते हुए छुप कर भाग निकला.
थानेदार ने कहा कि रविंद्र गंझू अपने साथियों के साथ सोशल पुलिसिंग के तहत आत्मसमर्पण करे, नहीं तो दोबारा मुठभेड़ हुई तो मारा जायेगा. उन्होंने कहा कि जब तक रविंद्र गंझू, लजिम अंसारी, रंथु उरांव, छोटू खेरवार, मुनेश्वर खेरवार आत्मसमर्पण नहीं करेंगे. तब तक माओवादियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. अभियान में एएसपी मनीष कुमार, एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल, इंस्पेक्टर गुमला श्यामानंद मंडल, थाना प्रभारी सदानंद सिंह, एसआइ अंकु कुमार, कोबरा बटालियन एवं झारखंड जगुवार के ऑफिसर शामिल थे.
पुलिस ने रविंद्र गंझू व दूसरे नक्सलियों की तलाश करने के लिए पहली बार ड्रोन कैमरे का उपयोग किया है. हालांकि पुलिस नक्सलियों के नजदीक तक पहुंच गयी थी, परंतु अंधेरा व घने जंगल नक्सलियों की सुरक्षा कवच बन गये और वे भागने में सफल रहे. पुलिस सूत्रों के अनुसार अगर नक्सली और थोड़ी देर मुठभेड़ स्थल पर रहते तो वे मारे जाते.
रिपोर्ट: दुर्जय पासवान