चंडीगढ़ : हरियाणा निकाय चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. तीनों नये कृषि कानूनों के विरोध में करीब एक महीने से दिल्ली-हरियाणा सीमा पर चल रहे किसानों के प्रदर्शनों के बीच बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को नगर निकाय चुनाव में सोनीपत और अंबाला में मेयर की कुर्सी छिन गयी है.
हरियाणा निकाय चुनाव के लिए 27 दिसंबर को हुई वोटिंग में अंबाला में 56.3, सोनीपत में 57.7, पंचकूला में 55.4, रेवाड़ी नगर परिषद में 69.2, सांपला नगरपालिका में 81.5, धारुहेड़ा में 73.8 और उकलाना में 79.2 प्रतिशत मतदान हुए थे.
मतगणना की प्रक्रिया सुबह आठ बजे शुरू हुई थी. इसमें बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को नुकसान का सामना करना पड़ा है. सोनीपत में कांग्रेस के निखिल मदान 14 हजार वोटों से जीत कर मेयर बनेंगे. जबकि, अंबाला में हरियाणा जनचेतना पार्टी की शक्ति रानी शर्मा आठ हजार वोटों से जीत के बाद मेयर की कुर्सी पर पहुंचेंगी.
हरियाणा की जनचेतना पार्टी की शक्ति रानी शर्मा कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी हैं. मालूम हो कि विनोद शर्मा और शक्ति रानी शर्मा के बेटे मनु शर्मा को जेसिका लाल हत्या मामले में सजा सुनायी गयी थी.
वहीं, बीजेपी ने पंचकूला नगर निगम के मेयर की कुर्सी बचाने में कामयाब रही है. पंचकूला नगर निगम के मेयर पद पर कुलभूषण गोयल ने जीत दर्ज की है. साथ ही बीजेपी को रेवाड़ी नगर परिषद के प्रधान पद पर भी जीत मिली है. तीन नगरपालिकाओं के अध्यक्ष पदों पर निर्दलीय प्रत्याशियों का कब्जा हुआ है. इनमें सांपला, धारुहेड़ा और उकलाना नगरपालिका शामिल है.
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पंचकूला नगर निगम : मेयर- बीजेपी के कुलभूषण गोयल
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सोनीपत नगर निगम : मेयर- कांग्रेस के निखिल मदान
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अंबाला नगर निगम : मेयर- हरियाणा जन चेतना पार्टी की शक्ति रानी शर्मा
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उकलाना नगरपालिका : अध्यक्ष- निर्दलीय प्रत्याशी सुशील कुमार साहू
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धारूहेड़ा नगरपालिका : अध्यक्ष- निर्दलीय उम्मीदवार कंवर सिंह
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सांपला नगरपालिका : अध्यक्ष- निर्दलीय प्रत्याशी पूजा
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रेवाड़ी नगर परिषद : अध्यक्ष- बीजेपी की पूनम यादव