चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ऐलान किया है कि खुले में नमाज पढ़ने की प्रथा को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुड़गांव में खुले स्थानों पर जुमे की नमाज अता करने के खिलाफ इलाके के कई हिंदूवादी संगठनों की ओर से कड़ी आपत्ति जाहिर किए जाने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कहा कि खुले में नमाज पढ़ने की प्रथा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह भी कहा कि जिला प्रशासन के खुले स्थानों पर नमाज के लिए कुछ स्थानों को आरक्षित करने का पूर्व निर्णय वापस ले लिया गया है और राज्य सरकार अब इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेगी. मुख्यमंत्री ने गुड़गांव में खुले स्थानों पर नमाज अता करने पर कई दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा उठाई गई आपत्तियों को लेकर एक सवाल के जवाब में गुड़गांव में मीडिया से कहा कि यहां (गुड़गांव) खुले में नमाज पढ़ने की प्रथा बर्दाश्त नहीं की जाएगी, लेकिन हम सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेंगे.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सभी को (प्रार्थना करने के लिए) सुविधा मिलनी चाहिए, लेकिन किसी को भी दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने की किसी को अनुमति नहीं दी जाएगी. खुले स्थानों पर नमाज के लिए कुछ स्थान निर्धारित करने के जिला प्रशासन के फैसले को वापस लेने पर उन्होंने कहा कि हमने पुलिस और उपायुक्त से कहा है कि इस मुद्दे को सुलझाया जाए. अगर कोई नमाज अता करता है, तो किसी के स्थान पर पाठ करता है, तो हमें उस पर कोई आपत्ति नहीं है.
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उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थल इसी मकसद से बनाए जाते हैं कि लोग वहां जाएं और पूजा-अर्चना करें. इस तरह के कार्यक्रम खुले में नहीं होने चाहिए. उन्होंने कहा कि खुली जगहों पर नमाज पढ़कर टकराव से बचना चाहिए. हम दो पक्षों के बीच टकराव की भी इजाजत नहीं देंगे. पिछले कुछ महीनों में कुछ हिंदूवादी संगठनों के सदस्य उन जगहों पर इकट्ठा हो जाते हैं, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग खुले स्थान पर नमाज अता करते हैं और ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हैं.