Jharkhand News: झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव में अडानी गोंदलपुरा कोल ब्लॉक के अधिग्रहण को लेकर गोंदलपुरा पंचायत के रैयतों व किसानों ने मौन धारण कर गांधीवादी तरीके से ग्रामसभा का विरोध किया. इस कारण ग्रामसभा नहीं हो सकी. लिहाजा अडानी कोल कंपनी एवं नाबार्ड के पदाधिकारी वापस लौट गए. आपको बता दें कि अडानी कोल कंपनी को लेकर सामाजिक समाधान निर्धारण अध्ययन एसआईए को लेकर ग्रामसभा 10 अक्टूबर को बलोदर, 12 अक्टूबर को गाली एवं 18 अक्टूबर को गोंदलपुरा पंचायत भवन में निर्धारित की गई थी.
1 किलोमीटर पहले ही किसान बैठे थे मौन धारण कर
ग्रामसभा के विरोध को लेकर तीसरे दिन गोंदलपुरा पंचायत भवन में आयोजित ग्रामसभा स्थल के एक किलोमीटर पहले ही गुरुवर पुल के निकट ग्रामीण व रैयत सड़कों पर बैठ गए थे. मौन विरोध के बाद पदाधिकारी वापस लौट गए. हालांकि मौके पर मौजूद नाबार्ड पदाधिकारी प्रणय कुमार, नाबार्ड स्वतंत्र पर्यवेक्षक मोहम्मद आफताब उद्दीन, कार्यपालक पदाधिकारी सह दंडाधिकारी नवीन भूषण कुल्लू, कानूनगो सुनील कुमार सिंह आदि ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने उपायुक्त को दिए गए लिखित आवेदन का हवाला देकर मौन विरोध किया. आखिरकार ग्रामसभा किए बगैर पदाधिकारी बैरंग लौट गए. तख्तियों में लिखा था-ग्रामसभा रद्द करो, बहुफसली जमीन मुक्त करो.
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ग्रामसभा का मौन विरोध
मुखिया बासुदेव यादव के नेतृत्व में ग्राम सभा स्थल के 1 किलोमीटर पूर्व कुछ टुकड़ियों में रूड्डी के रास्ते बिचली नामक स्थान पर तथा बाबूपारा के रास्ते गुरुवर पुल के निकट तख्तियां व बैनर लेकर बड़ी संख्या में बाबूपारा, हाहे, बलोदर, गाली, गोंदलपुरा गांव के किसान व रैयत मौन विरोध कर रहे थे. इन्होंने ग्रामसभा रद्द करने को लेकर हजारीबाग उपायुक्त को दिए गए आवेदन की प्रति मौजूद पदाधिकारियों को सौंपी.
रिपोर्ट : संजय सागर, बड़कागांव, हजारीबाग