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झारखंड में लॉकडाउन के बीच हल-बैल लेकर खेत में उतरे बरही विधायक उमाशंकर अकेला

झारखंड में जारी लॉकडाउन के बीच प्रखंड के चतरा मोड़ स्थित अपने आवास परिसर में बरही के विधायक उमाशंकर अकेला अपने हल-बैल लेकर खेतों में जुताई करने उतर गये. अचानक उनके मन में पुरानी यादें जागृत हो उठी. विधायक अकेला हल चलाकर किसानों को खेती करने के लिए जागरूक कर रहे हैं. सरकार ने भी लॉकडाउन के दौरान खेती-किसानी के लिए छूट दे रखी है.

चौपारण : झारखंड में जारी लॉकडाउन के बीच प्रखंड के चतरा मोड़ स्थित अपने आवास परिसर में बरही के विधायक उमाशंकर अकेला अपने हल-बैल लेकर खेतों में जुताई करने उतर गये. अचानक उनके मन में पुरानी यादें जागृत हो उठी. विधायक अकेला हल चलाकर किसानों को खेती करने के लिए जागरूक कर रहे हैं. सरकार ने भी लॉकडाउन के दौरान खेती-किसानी के लिए छूट दे रखी है.

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विधायक उमाशंकर अकेला ने प्रभात खबर प्रतिनिधि अजय ठाकुर से बातचीत में कहा कि किसान का बेटा हूं. बचपन से खेती बारी से लगाव रहा है. अपने खेतों की जुताई करते हुए कहा कि मैंने किसान परिवार में जन्म लिया है, तो हमेशा हल-बैल से जुताई, बुआई, सिंचाई, कटाई स्वयं से करता रहा हूं.

विधायक अकेला का कहना है कि मैं विधायक के साथ-साथ एक किसान भी हूं. आज देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग किसान ही हैं. लॉकडाउन में किसानों की उपज का अनाज ही लोगों का सहारा बना हुआ है. खेत की जुताई कर उन्होंने किसान भाइयों को प्रेरित करते हुए कहा कि हमारे देश की मिट्टी सोना उगलती है.

उन्होंने कहा कि खेती कर एक तरफ हम आत्मनिर्भर बन सकते है. वहीं दूसरी तरफ झारखंड राज्य एवं अपने देश में बेरोजगारी दूर करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. हम किसानों को यह सोचकर भी खेती करनी चाहिए कि हम अगर फसल नहीं उगायेंगे तो देश की बाकी जनता क्या खायेगी. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की कोशिश है कि किसानों के खेतों तक सिंचाई की व्यवस्था मुहैया करायी जाए. इसपर काम हो रहा है.

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