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झारखंड : हजारीबाग के चलकुशा में आंगनबाड़ी सेविका पर जाली सिग्नेचर कर 18000 रुपये निकालने का आरोप,प्रशासन गंभीर

हजारीबाग के चलकुशा प्रखंड स्थित नूरी नगर आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका नसीमा खातून का जाली सिग्नेचर कर 18000 रुपये निकालने का मामला सामने आया है. राशि निकासी का आरोप सेविका मालती देवी पर लगा है. प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लेते जांच तेज कर दी है.

चलकुशा (हजाीबाग), इजहार हुसैन : हजारीबाग जिला अंतर्गत चलकुशा प्रखंड के मसकेडीह गांव स्थित नूरी नगर आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका नसीमा खातून का जाली हस्ताक्षर कर पोषाहार के 12000 रुपये एवं मरम्मत कार्य के 6000 रुपये यानी कुल 18000 रुपये निकासी करने का मामला सामने आया है. राशि निकालने का आरोप सेविका मालती देवी पर लगा है. बताया गया कि झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के अधिकारियों को झांसे में डालकर इस राशि की निकासी की है. मामला प्रकाश में आते ही प्रखंड कार्यालय एवं बाल विकास परियोजना कार्यालय में हड़कंप मच गया है.

कैसे हुआ मामले का खुलासा

पीड़ित सहायिका नसीमा खातून ने कहा कि पिछले दो माह से पोषाहार के पैसे की निकासी नहीं की गई थी. सेविका को बार-बार कहने पर टाल-मटोल करती रही. फिर जब बैंक गई, तो बैंक कर्मी ने 11 अप्रैल, 2023 को 18000 रुपये की निकासी की बात कही. कहा कि सेविका द्वारा बिना बताये मेरा जाली हस्ताक्षर कर रकम की निकासी की. मौखिक तौर पर इसकी सूचना शाखा प्रबंधक को दिये. बाद में हमने लिखित तौर पर शाखा प्रबंधक को सूचित किया और कार्रवाई की मांग भी की.

सेविका मालती देवी ने कही बात

इस मामले में सेविका मालती देवी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सहायिका नसीमा खातून से हमने पहले ही हस्ताक्षर लेकर कर रख लिया था. जिसके जरिए पैसे की निकासी की गई. कहा कि इस मामले की जानकारी सहायिक को दिया गया.

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सेविका ने बैंक को झांसे में देकर पैसे की निकासी की : शाखा प्रबंधक

इस संबंध में झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक अभय कुमार ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. सहायिका द्वारा जैसे ही मौखिक तौर पर बताया गया, तो हमने सेविका के खाते को फ्रीज कर दिया और आवेदन देने के बाद सहायक सेविका को बुलाकर पैसे की रिकवरी की गई. सेविका द्वारा बैंक को झांसे में लेकर पैसे की निकासी की गई.

सेविका और सहायिक को भेजा जाएगा स्पष्टीकरण : सीडीपीओ

इस मामले को लेकर सीडीपीओ नीलू रानी ने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सेविका और सहायिका दोनों को स्पष्टीकरण भेजा जाएगा. वहीं, सीडीपीओ से एक अन्य सवाल पूछा गया कि आपके ऑफिस द्वारा बैंक को चेक निर्गत करने का निर्देश दिया गया, जबकि दो माह पूर्व सहायिकाओं को झांसे में रखकर सेविकाओं द्वारा चेक निर्गत ऑफिस के नाम पर किया गया था. सहायिकाओं को पता चलाने के बाद चेक को निरस्त किया गया. साथ ही पूछा गया कि अगर बिना चेक के ही जाली हस्ताक्षर कर पैसे निकाले जा रहे हैं, तो कितनी संभावना है कि चेक द्वारा जाली हस्ताक्षर कर पैसे नहीं निकाले जाएंगे. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सेविकाओं द्वारा आवेदन दिया गया था कि पोषाहार के पैसे निकालने में परेशानी होती है. इसलिए चेक निर्गत करने को कहा जाये. जिसके बाद चेक निर्गत करने का आदेश दिया गया.

पूरे मामले की होगी जांच : बीडीओ

वहीं, प्रखंड विकास पदाधिकारी समरेश प्रसाद भंडारी ने कहा कि यह गंभीर मामला है. सरकारी पैसे के दुरुपयोग से जुड़ा मामला है. जालसाजी का मामला है. इस पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही यह पता की जा रही है कि किसके कहने पर चेक निर्गत करने का आदेश दिया गया. इस मामले की जांच होगी.

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