हजारीबाग, आरिफ : हजारीबाग जिले के अधिकांश सरकारी स्कूलों को 2023 में नया बेंच-डेस्क मिलेगा. इस पर 2.50 करोड़ खर्च है. आवश्यकता अनुसार चिह्नित विद्यालयों को झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय ने जून के प्रथम सप्ताह में राशि भेजी है. 30 जून तक बेंच-डेस्क की खरीदारी कर सभी स्कूलों को अनिवार्य रूप से उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करना है. बेंच-डेस्क की खरीदारी में देरी एवं गुणवत्ता में किसी प्रकार की लापरवाही के लिए प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक सहित विद्यालय प्रबंधन समिति दोषी होंगे. आरोप सिद्ध होने पर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जेल भी जा सकते हैं. वहीं, प्रधानाध्यापक एवं प्रभारी पर अलग से विभागीय कार्रवाई होगी.
एक बेंच-डेस्क की कीमत पांच हजार रुपये
एक बेंच-डेस्क की कीमत (तीन सीट के लिए पांच फीट लंबा, तीन फीट चौड़ा और दो फीट छह इंच ऊंचा) पांच हजार रुपये रखा गया है. पूर्व में चार हजार था. बढ़े जीएसटी को लेकर सरकार ने इस साल में दाम में एक हजार रुपये की बढ़ोतरी की है.
बीईईओ नोडल अधिकारी
सही-सही एवं गुणवत्तापूर्ण बेंच-डेस्क बनाने/खरीदारी को लेकर संबंधित प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (बीईईओ) को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. किसी भी हाल में बिचौलिया के माध्यम से बेंच-डेस्क की खरीदारी नहीं करना है. आवश्यकता अनुसार बेंच-डेस्क की खरीदारी होगी. आवश्यकता से अधिक खरीदारी पर प्रधानाध्यापक एवं प्रभारी प्रधानाध्यापक दोषी होंगे. बेंच-डेस्क की खरीदारी में गुणवत्ता एवं इसका अनुश्रवण (जांच) डीईओ एवं डीएसई करेंगे. वहीं, बेंच-डेस्क की गुणवत्ता, मानक एवं डिजाइन का प्रमाण पत्र कनीय एवं सहायक अभियंता द्वारा जारी किया जायेगा.
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कई स्कूलों में बेंच-डेस्क की जरूरत
राज्य परियोजना अधिकारियों ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान पाया है कि कई विद्यालयों में बेंच-डेस्क की आवश्यकता है. बेंच-डेस्क नहीं होने के कारण विद्यार्थी जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर है. 30 जनवरी, 2023 को राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में सभी 24 जिले मिलाकर 6671 प्रारंभिक एवं 166 माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में सत्र 2023-24 में बेंच-डेस्क की आवश्यकता पूर्ति करने का निर्णय लिया गया. इसमें हजारीबाग जिला शामिल है.
सभी को उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने की जरूरत
डीईओ उपेंद्र नारायण ने बताया कि बेंच-डेस्क खरीदारी की राशि स्कूलों में भेजने के बाद कुछ बिचौलिए शिक्षा कार्यालय के आसपास मंडराते दिखे. सभी को भगाया गया है. किसी भी हाल में बेंच-डेस्क सस्ती दर पर खरीदना/बनाना नहीं है. निर्धारित समय सीमा के भीतर बेंच-डेस्क की खरीदारी कर सभी को उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करना है. मानक का पूरा ख्याल रखना है. इससे विपरीत काम करने वाले स्कूल प्रबंधन, प्रधानाध्यापक एवं प्रभारी दोषी होंगे. जांचोंपरात मामला सही मिलने पर विभागीय कार्रवाई होगी.
बेंच-डेस्क की खरीदारी में गुणवत्ता का रखा जाए ख्याल
डीएसई संतोष गुप्ता ने बताया कि मेरे कार्यकाल से पहले कुछ स्कूलों ने बेंच-डेस्क की खरीदारी में लापरवाही की है. बरही प्रखंड के एक स्कूल में बीडीओ ने जांच में पाया कि बेंच-डेस्क की खरीदारी में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया. शिक्षक पर प्राथमिकी दर्ज हुई. पुलिस कार्यवाही में शिक्षक पकड़ा गया है. अभी वह जेल में है. बेंच-डेस्क की खरीदारी में गुणवत्ता का ख्याल रखा जायेगा. इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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