22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हजारीबाग के बड़कागांव में मांड़-भात खाकर गुजर कर रहे बिरहोर, परदेश न जाने की खायी कसम

Jharkhand : हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड के दो गांवों में बिरहोर जनजाति के लोग लॉकडाउन में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. ये लोग मांड़-भात खाकर जीवन बसर कर रहे हैं. कुछ लोगों ने तो कसम खा ली है कि अब कमाने के लिए परदेश नहीं जायेंगे. अपने गांव में रहेंगे और खेती-बाड़ी करके गुजारा करेंगे.

बड़कागांव : हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड के दो गांवों में बिरहोर जनजाति के लोग लॉकडाउन में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. ये लोग मांड़-भात खाकर जीवन बसर कर रहे हैं. कुछ लोगों ने तो कसम खा ली है कि अब कमाने के लिए परदेश नहीं जायेंगे. अपने गांव में रहेंगे और खेती-बाड़ी करके गुजारा करेंगे.

Also Read: Lockdown 3: गुजरात से झारखंड लौटने के लिए 2.24 लाख रु. दिए, 100 किमी पैदल भी चले मजदूर

प्रखंड के कांडतरी पंचायत स्थित सदा बहिया एवं चेपाकला पंचायत के तार टांड़ में बिरहोर जाति के लोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. राशन दुकान से इन्हें जो चावल मिल रहा है, उसी से ये मांड़-भात खाकर अपना गुजारा कर रहे हैं. इस गांव के बिरहोर घूम-घूमकर अपने लिए भोजन-पानी जुटाते हैं. सदा बहिया में बिरहोरों के 45 घर हैं, जहां इनकी आबादी लगभग 290 है.

बिरहोर कौशल्या ने बताया कि बिरहोर टोला में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 30-35 है. स्कूल बंद है. उनके पास स्मार्ट फोन नहीं है. ऐसे में बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. गांव में दो चापाकल हैं, जिसमें एक खराब है. दो कुआं है, लेकिन स्थिति जर्जर है. पानी पीने का एकमात्र साधन एक पानी टंकी है. इस टंकी में सौर ऊर्जा से संचालित मोटर लगे हैं. बैटरी खत्म होने पर पानी नहीं चढ़ता.

Also Read: Lockdown: घर वापसी को बेताब लोगों की उमड़ी भीड़, भूखे-प्यासे परिवार के साथ मीलों पैदल चल रहे हजारों मजदूर

कौशल्या बिरहोर ने बताया कि विधायक अंबा प्रसाद की ओर से एक माह पहले चावल, आलू, टमाटर एवं मास्क का वितरण किया गया. ब्लॉक के माध्यम से रोजगार सेवक शंभु रविदास ने एक-एक मास्क दिया. बिरहोरों ने बताया कि दो-तीन दिन पहले उन्हें मिर्जापुर के राशन डीलर शहबान अली की ओर से पांच-पांच किलो चावल दिया गया है.

अब नहीं जायेंगे परदेश

सदा बहिया निवासी चरका बिरहोर एवं रामजु बिरहोर ओड़िशा से चार दिन पहले घर लौटा है. उसे स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्वारेंटाइन सेंटर भेज दिया गया है. इन लोगों का कहना है कि वे लोग झारखंड से बाहर नहीं जाना चाहते. अब कभी कमाने के लिए परदेश नहीं जायेंगे. गांव में ही रह कर खेती-बारी करेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें