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लॉक डाउन में ई-नाम पोर्टल पर 28 लाख रुपये का कारोबार, हजारीबाग के किसानों में जगी आस

लॉक डाउन में हजारीबाग जिले के किसानों ने 28 लाख रुपये का ई-नाम पोर्टल पर कारोबार किया. 29 मार्च से 26 अप्रैल तक जिले के किसानों ने 125 मिट्रिक टन गेहूं बेच कर 20 लाख 60 हजार रुपये कमाये. यह राशि किसानों के बैंक खाता में गयी. दो लाख रुपये का तरबूज, 46 हजार रुपये का खीरा, 12 हजार रुपये का धनिया का व्यापार हुआ. हजारीबाग के किसानों ने ई-नाम पोर्टल पर गेहूं बेचकर झारखंड में पहला स्थान हासिल किया है. अभी तक झारखंड के 26 हजार किसान इस पोर्टल से जुड़ चुके हैं.

हजारीबाग : लॉक डाउन में हजारीबाग जिले के किसानों ने 28 लाख रुपये का ई-नाम पोर्टल पर कारोबार किया. 29 मार्च से 26 अप्रैल तक जिले के किसानों ने 125 मिट्रिक टन गेहूं बेच कर 20 लाख 60 हजार रुपये कमाये. यह राशि किसानों के बैंक खाता में गयी. दो लाख रुपये का तरबूज, 46 हजार रुपये का खीरा, 12 हजार रुपये का धनिया का व्यापार हुआ. हजारीबाग के किसानों ने ई-नाम पोर्टल पर गेहूं बेचकर झारखंड में पहला स्थान हासिल किया है. अभी तक झारखंड के 26 हजार किसान इस पोर्टल से जुड़ चुके हैं.

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हजारीबाग से रामशरण की रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार के ई-नाम इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल पर इचाक के किसानों ने धनिया का पत्ता कोलकता के बाजार में बेचने की शुरुआत की. पोर्टल पर बिकने के बाद धनिया के पत्ते को दो माल वाहनों से कोलकता भेजा गया. कोलकाता बर्दवान के पप्पू साव, संजीव साव एवं अब्दुल हमीद व्यापारी ने धनिया खरीदी है. ई-नाम पोर्टल पर धनियां की बिक्री होने के बाद 48 घंटे के अंदर किसानों को भुगतान हो गया.

ई-नाम के ब्रांड एंबेसडर ने कहा- चेंबर्स ऑफ कॉमर्स के प्रखंड अध्यक्ष सह ई-नाम के ब्रांड एंबेसडर अशोक कुमार मेहता ने कहा कि ई-नाम पोर्टल से किसानों को जोड़कर उनके उत्पाद को बेचवाने के लिए किसानों को जागरूक कर रहा हूं. किसान निराश हो चुके थे, अब धनिया की बिक्री शुरू हो जाने से उनके चेहरे पर मुस्कान लौटी है.

ई-नाम पोर्टल पर ऐसे होते हैं कारोबार : राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम पोर्टल पर देशभर के 585 एवं झारखंड के 19 बाजार समिति जुड़ी हैं. इस पोर्टल पर किसान कृषि उपज को बेचने के लिए उत्पाद का बिडिंग करते हैं. देश स्तर के खरीददार ट्रेडर बोली लगाकर खरीददारी करते हैं. कृषि उत्पाद का पोर्टल पर बिडिंग तीन तरीके से किया जाता है. पहला फार्म गेट मॉड्यूल से किसान खुद खेत से बिडिंग कर सकते हैं. दूसरा किसान उत्पाद समूह एवं तीसरा बाजार समिति से जुड़कर बिडिंग कर सकते हैं.

ई-नाम पोर्टल से ऐसे जुड़ सकते हैं किसान : कृषि बाजार समिति के सचिव राकेश कुमा सिंह ने बताया कि किसानों को अपने उत्पाद को बेचने के लिए पहले ई-नाम पोर्टल से जुड़ना होगा. जुड़ने के लिए पहला उपाय है कि किसान मोबाइल एप्प के जरिए खुद ई-पोर्टल से रजिस्टर्ड हो सकते हैं. किसानों को अपना आधार नंबर, बैंक खाता एवं मोबाइल नंबर बाजार समिति के पनन पदाधिकारी के पास जमा करना होगा. किसान को यदि कोई समस्या हो तो बाजार समिति के पणन सचिव एवं भारत सरकार द्वारा नियुक्त स्टेट कोर्डिनेटर से मदद ले सकते हैं.

प्रभात खबर इंपैक्ट : हजारीबाग जिले के इचाक में 500 एकड़ भूमि में लगी धनियां का कोई खरीददार नहीं, किसानों को दो करोड़ का नुकसान खबर प्रभात खबर अखबार में 21 अप्रैल को प्रकाशित हुआ था. जिला प्रशासन की पहल के बाद अब इचाक प्रखंड के किसान भारत सरकार के राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम पोर्टल से जुड़कर धनिया पत्ता और सब्जियां बेच रहे हैं. किसानों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद जिले भर के किसान देश भर के व्यापारी खरीददारों के पास बोली लगाकर अपने उत्पाद को बेच सकेंगे.

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