बड़कागांव (संजय सागर) : संसद और विधानसभा में कृषि बिल और किसानों के हितों के नाम पर हंगामा होता रहा और झारखंड में एक नदी किसानों की 25 एकड़ जमीन लील गयी. कई किसानों की खड़ी फसल के साथ बड़ा खेत का बड़ा खंड नदी में समा गया. करोड़ों के नुकसान का अनुमान है.
हाल के दिनों में हुई भारी बारिश के कारण हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड के बादम पंचायत स्थित हेटली नदी के किनारे पानी की तेज धार के कारण लगभग 20-25 एकड़ जमीन व 10 कुआं बह गये. नदी किनारे जिन किसानों की खेत थी, उसमें लगी फसल भी नदी की धार में समा गयी.
बताया जा रहा है कि नदी के इस रौद्र रूप की वजह से किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है. फसल लगी जमीन बह जाने से किसानों की कमर टूट गयी है. किसानों के समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गयी है.
Also Read: झारखंड में नदी किनारे जमीन के नीचे से मिली 7 बंदूकें, एसपी ने नक्सली रवींद्र गंझू को दी चेतावनीपंचायत समिति सदस्य के प्रतिनिधि राजा खान का कहना है कि नदी की तट पर अगर गार्डवाल रहता, तो जमीन नहीं बहती. उन्होंने नदी के तट पर गार्डवाल का निर्माण कराने की मांग की. कहा कि गार्डवाल बन जाने के बाद जमीन और आसपास के इलाके के लोगों के घर भी सुरक्षित रहेंगे.
बड़कागांव के अंचल अधिकारी वैभव कुमार सिंह ने इस संबंध में कहा कि नदी की तेज धार से जमीन बह जाने का मामला अब तक उनके पास नहीं पहुंचा है. न ही किसी किसान ने ऐसा कोई आवेदन दिया है. इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
चंद्रिका महतो, राजा खान, मो अब्दुल्ला ने बताया कि इस नदी तट पर गार्डवाल नहीं रहने के कारण 20-25 एकड़ जमीन बह गयी. जगदेव महतो की 2 एकड़ जमीन, भेखलाल महतो की 2 एकड़, चंद्रिका महतो की 1 एकड़, हुसैनी चौधरी की 1 एकड़, जगदीश राम की 20 कट्ठा, मो सादिक की 2 एकड़, रजा-उल-हक की 2 एकड़, मोहम्मद खालिद की 1 एकड़, बनवारी साव की 5 कट्ठा, प्रमोद महतो की 2 कट्ठा, इंदर नाथ महतो की 5 कट्ठा समेत दर्जनों किसान की जमीन बह गयी.
Also Read: मानसून सत्र के आखिरी दिन झारखंड विधानसभा में हंगामा, रणधीर सिंह को स्पीकर ने मार्शल से बाहर निकलवायाइतना ही नहीं, इस इलाके में खेतों के पास 10 कुएं भी थे, जो नदी की धार में बह गये. इस नदी के तट पर श्मशान घाट भी है. यहां के लोगों ने इस श्मशान घाट को सुरक्षित करने की मांग प्रशासन से की है.
Posted By : Mithilesh Jha