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Gandhi Jayanti 2021 : महात्मा गांधी के आह्वान पर हजारीबाग की सभा में बनी थी भारत छोड़ो आंदोलन की रणनीति

उस समय बड़कागांव प्रखंड मुख्यालय का सभा स्थल नयाटांड़ के पीठ मैदान था. सत्याग्रह आंदोलन स्थगित करने एवं भारत छोड़ो आंदोलन करने को लेकर बड़कागांव प्रखंड के नयाटांड़ के पीठ मैदान में 18 फरवरी 1942 को सभा हुई थी. इसकी अध्यक्षता पारस नाथ महतो ने की थी.

Gandhi Jayanti 2021, हजारीबाग न्यूज (संजय सागर) : जब देश में आजादी के लिए क्रांति का बिगुल बजा था, तो झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव एवं केरेडारी प्रखंड ने भी अपनी भूमिका निभाई थी. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर बड़कागांव प्रखंड के विभिन्न स्थानों पर आमसभा हुई थी. बड़कागांव प्रखंड मुख्यालय करणपुरा क्षेत्र का नेतृत्व करता था. बड़कागांव, पतरातू, केरेडारी एवं टंडवा क्षेत्र में आंदोलन दबाने के लिए बड़कागांव के गुरु चट्टी में 1935 में अंग्रेजों द्वारा पुलिस चौकी बनायी गयी थी. महात्मा गांधी ने पत्र लिखकर पारसनाथ महतो को करणपुरा क्षेत्र में भारत छोड़ो आंदोलन को आगे बढ़ाने का आदेश दिया था. महात्मा गांधी के आह्वान पर हुई सभा में भारत छोड़ो आंदोलन की रणनीति बनी थी.

स्वतंत्रता सेनानी पारसनाथ महतो, पोता तुलसी महतो एवं उनके सहयोगी सत्याग्रह आंदोलन एवं भारत छोड़ो आंदोलन में बड़कागांव प्रखंड का नेतृत्व किया करते थे. इनके परपोता सांढ़ निवासी पूर्व मुखिया कार्तिक महतो ने बताया कि हमारे दादा व परदादा आजादी लड़ाई की कहानी बताया करते थे. जब महात्मा गांधी द्वारा देश में सत्याग्रह आंदोलन चलाया जा रहा था, उस समय हमारा बड़कागांव प्रखंड भी महत्वपूर्ण योगदान निभाया था. उस समय हजारीबाग जिले का नेतृत्व स्वतंत्रता सेनानी बाबू राम नारायण सिंह एवं केबी सहाय किया करते थे. आंचलिक क्षेत्रों में हमारे परदादा पारसनाथ महतो नेतृत्व करते थे. इसका प्रमाण आज भी हमारे घर में सेनानियों के द्वारा भेजा गया पत्र हैं. राम नारायण सिंह एवं केबी सहाय के द्वारा मेरे दादा और दादी के पास पत्र भेजा गया था. जिसमें सत्याग्रह आंदोलन एवं भारत छोड़ो आंदोलन का उल्लेख है.

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उस समय बड़कागांव प्रखंड मुख्यालय का सभा स्थल नयाटांड़ के पीठ मैदान था. सत्याग्रह आंदोलन स्थगित करने एवं भारत छोड़ो आंदोलन करने को लेकर बड़कागांव प्रखंड के नयाटांड़ के पीठ मैदान में 18 फरवरी 1942 को सभा हुई थी. इसकी अध्यक्षता पारस नाथ महतो ने की थी. इसमें इनके पोता तुलसी महतो ने भी सहयोग किया था, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में बाबू राम नारायण सिंह, केबी सहाय एवं सुखलाल सिंह आए हुए थे. यह सभा महात्मा गांधी जी के आह्वान पर हुई थी. इस सभा में भारत छोड़ो आंदोलन की रणनीति बनी थी.

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हजारीबाग कोलंबस कॉलेज के अध्यापक की पुत्री सरस्वती देवी के नेतृत्व में, केरेडारी प्रखंड से आनंदी साव के नेतृत्व में एवं बड़कागांव के प्रयाग रविदास के नेतृत्व में अधिकतर लोगों ने सभा स्थल पर पहुंचकर राम नारायण सिंह के भाषण को सुना था. इसमें हजारीबाग के स्वतंत्रता सेनानी केदार सिंह, सुखलाल सिंह, शंभू लाल शाह समेत अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने सभा को संबोधित किया था. हजारीबाग, रामगढ़ ,कोडरमा, गिरिडीह, चतरा में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू करने के लिए इसी स्थल में भारत छोड़ो आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था. रामगढ़ अधिवेशन 1940 में भाग लेने के लिये इस क्षेत्र के प्रयाग राम, प्रकाल राम, देवकी राम, पारसनाथ महतो, नेतलाल महतो समेत अन्य लोग पैदल रामगढ़ गए थे. वहां से आने के बाद इस क्षेत्र में आंदोलन तेज हो गया था.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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