JAC 12th Arts commerce Result 2022: जैक इंटर आर्ट्स और कॉमर्स में हजारीबाग की छात्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया. आर्ट्स फैक्लटी में मानसी साहा स्टेट टॉपर बनी है. वहीं, इसी जिले की आंचल कुमारी थर्ड स्टेट टॉपर बनी है. आंचल के पिता गलियों में घूम-घूमकर सब्जी बेचने का काम करते हैं.
शुरू से मेधावी छात्र रही है आंचल
हजारीबाग शहर के गलियों में घूम- घूमकर सब्जी बेचने वाले किसान युगल महतो की तीसरी बेटी आंचल कुमारी इंटर आर्ट्स की परीक्षा में झारखंड में थर्ड टॉपर बनी है. आंचल कुमारी इंटर आर्ट्स में 465 नंबर लाकर 93 फीसदी लायी है. इसके पहले मैट्रिक में 442 नंबर लायी थी. अष्टम वर्ग में 463 नंबर लाकर स्कूल टॉप की थी. आंचल कुमारी की पढ़ाई-लिखाई शुरू से ही सरकारी विद्यालय में हुई है. प्रथम से अष्टम वर्ग तक आदर्श मध्य विद्यालय तथा नौवीं, दसवीं एवं इंटर की पढ़ाई प्लस टू हाई स्कूल से की है. वह अपनी सफलता का श्रेय आदर्श मध्य विद्यालय एवं प्लस टू हाई स्कूल के शिक्षकों, अपने माता- पिता एवं भाई को दी है.
पिता सब्जी बेचकर बेटी को पढ़ा रहे हैं
बड़कागांव प्रखंड के दैनिक बाजार के बगल में नटराजनगर निवासी युगल महतो का तीन पुत्री एवं एक पुत्र है. बड़ी पुत्री ममता कुमारी और द्वितीय पुत्री रेणू कुमारी की शादी हो चुकी है. आंचल कुमारी छोटी पुत्री है. एक पुत्र सुजीत कुमार गैरेज में काम करता है. पिता युगल महतो बड़कागांव दैनिक बाजार में ताजा सब्जी खरीद कर हजारीबाग के गलियों एवं मोहल्लों में घूम-घूमकर सब्जी बेचते हैं. इस संबंध में पिता युगल महतो का कहना है कि मेरी बेटी जहां तक पढ़ना चाहेगी, वहां तक मैं पढ़ाऊंगा. वहीं, इनकी मां गृहणी है. माता चमनी देवी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि आज सबसे अच्छा दिन है कि मेरी बेटी टॉपर बनी है.
Also Read: JAC 12th Arts Result 2022: निजी वाहन चालक की पुत्री मानसी साहा बनी स्टेट टॉपर, बनना चाहती है BDO
जज बनना चाहती है आंचल
टॉपर छात्र आंचल कुमारी ने प्रभात खबर से बातचीत के दौरान न्यायिक सेवा में जाने की बात कही. कहा कि आए दिन भ्रष्टाचार बढ़ गया है. इसलिए जज बनकर भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कोशिश होगी. आंचल कुमारी को पढ़ाई के अलावा रंगोली बनाना एवं कंप्यूटर में भी रुचि है.
घर में काम करने के बाद परीक्षा की तैयारी करती थी आंचल
टॉपर आंचल कुमारी ने बताया कि घर में मां का घरेलू कार्य में सहयोग करने के बाद परीक्षा की तैयारी के लिए टाइम निकालते थे. स्कूलों में शिक्षकों द्वारा बताए गए उत्तर को रिवीजन करती रहती थी. निरंतर पढ़ाई के कारण ही यह सफलता मिली है.
रिपोर्ट : संजय सागर, बड़कागांव, हजारीबाग.