Jharkhand News, हजारीबाग न्यूज (आरिफ) : झारखंड के हजारीबाग जिला पशुपालन कार्यालय में आठ महीने से बकरी, सूअर, मुर्गी, अंडा एवं बत्तख पालन के लगभग 758 लाभुकों का चयन नहीं होने से वे 2.26 करोड़ के लाभ से वंचित हैं. मार्च 2021 में चालू मुख्यमंत्री पशुधन योजना से सभी लाभुकों को जोड़ना था. इसके लिए जिला पशुपालन हजारीबाग को 2.26 करोड़ राशि मिली है. पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि मिली राशि का 85 लाख डीडीसी के पीएल बैंक खाते में जमा है.
बड़ी संख्या में लाभुकों को बकरी, सूअर, मुर्गी, बत्तख एवं अंडा उत्पादन योजना का लाभ देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था. दो कैटेगरी में बांटकर विधवा-दिव्यांग को 90 एवं बाकी को 50 प्रतिशत अनुदान राशि के साथ योजना का लाभ पहुंचाना था. बकरी पालन में विधवा-दिव्यांग 54 अन्य 331 लाभुकों को योजना का लाभ नहीं मिला है. सूअर पालन में विधवा -दिव्यांग 11 अन्य 75, देशी मुर्गी से अंडा उत्पादन में विधवा-दिव्यांग चार अन्य 39, बॉयलर मुर्गी पालन में विधवा-दिव्यांग 10 अन्य 125 एवं बत्तख पालन योजना में 109 मिलाकर कुल 758 लाभुकों को अब-तक योजना का लाभ नहीं मिलने से लाभुक परेशान हैं.
बकरी पालन में एक नर व चार मादा विधवा-दिव्यांग प्रति लाभुक को 21,931 अन्य को 12,184 राशि मिलनी है. सूअर पालन में एक नर व चार मादा विधवा-दिव्यांग प्रति लाभुक को 51777, अन्य को 28765, देसी बैक यार्ड लेयर अंडा उत्पादन में प्रति लाभुक को 400 चूजा के साथ विधवा-दिव्यांग को 1,05,981 अन्य को 98879, बॉयलर मुर्गी पालन में प्रति लाभुक को 500 चूजा के साथ विधवा-दिव्यांग को 60,250 अन्य 33, 472 एवं बत्तख पालन में प्रति लाभुक को 15 बत्तख एवं एक यूनिट के लिए 1700 राशि मिलनी है.
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एक लाभुक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कुछ कार्यालयकर्मियों ने योजना का लाभ देने के लिए लाभुकों से पैसे की वसूली की है. कई लाभुक योजना का लाभ लेने के लिए प्रतिदिन कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं. कई लाभुकों को यह कह कर कार्यालय से फटकार लगायी जा रही है कि आपकी राशि बैंक खाते में दी गई है. आपका बैंक खाता अपडेट नहीं है. इधर, एक कार्यालय कर्मी ने बताया कि कुछ लाभुकों की राशि उनके बैंक खाते में उपलब्ध करा दी गई थी, बाद में कुछ कारणों से सभी बैंकों को पत्र भेजकर राशि की निकासी पर रोक लगा दी गई है.
हजारीबाग जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ न्यूटन तिर्की ने बताया कि कुछ लाभुकों को योजना का लाभ मिला है. वहीं बड़ी संख्या में कई लाभुक बैंक खाता व अन्य जरूरी कागजात उपलब्ध नहीं कराने के कारण योजना के लाभ से अब-तक वंचित हैं.
उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के क्षेत्रीय निदेशक (पशुपालन) डॉ तेज कुमार राम बैठा ने बताया कि सब्सिडी के पेंच में लाभुकों तक योजना का लाभ पहुंचाने में परेशानी हुई है. हजारीबाग जिला पशुपालन पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है. इस समस्या से सरकार को अवगत कराया गया है.
Posted By : Guru Swarup Mishra