20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड: करम परब पर बड़ा हादसा, नदी में डूबीं छह छात्राएं, तीन बाल-बाल बचीं, एक का शव बरामद, दो का सुराग नहीं

हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड के ओबरा गांव में मंगलवार को करमा डाली को बड़ाकर नदी में प्रवाहित करने गयीं छह छात्राएं डूब गयीं. इनमें तीन छात्राओं को मछुआरों ने अपनी जान हथेली पर रखकर किसी तरह बचा लिया, लेकिन तीन छात्राएं पानी की तेज धार में डूब गयी थीं. एक का शव बरामद कर लिया गया है.

चौपारण (हजारीबाग), अजय ठाकुर: हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड के ओबरा गांव में मंगलवार को करमा डाली को बड़ाकर नदी में प्रवाहित करने गयीं छह छात्राएं डूब गयीं. इनमें तीन छात्राओं को मछुआरों ने अपनी जान हथेली पर रखकर किसी तरह बचा लिया, लेकिन शेष तीन छात्राएं पानी की तेज धार में बह गयीं. घटनास्थल से करीब ढाई किमी दूर दिव्यअंशु कुमारी (14 वर्ष, पिता सत्येंद्र यादव) का का शव स्थानीय तैराकों ने बरामद कर लिया है. जबिक प्रेमा कुमारी (13 वर्ष, नारायण राणा) एवं सपना कुमारी (14 वर्ष, पिता सुरेंद्र यादव) का अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है. बड़ाकर नदी में डूबीं छह छात्राओं में तीन छात्राओं को जीवन दान देने वाला 15 वर्षीय दिव्यांग शाहील चयकला का रहने वाला है. वह गोताखोर टीम का छोटा सदस्य है. वह मछली पकड़ने बड़ाकर नदी गया था. वह नदी में कुछ दूरी पर वंशी लगाए बैठा था. तभी ये छात्राएं करमा की डाली नदी में प्रवाहित करने पहुंची थीं. इसी दौरान हादसा हो गया.

घटनास्थल पर पहुंचे विधायक

हादसे की सूचना मिलने के बाद विधायक उमाशंकर अकेला, एसडीओ पूनम कुजूर, डीएसपी नाजीर अख्तर, पुलिस निरीक्षक रोहित सिंह स्थानीय गोताखोरों को लेकर नदी के पास पहुंचे. इसके बाद गोताखोरों ने छात्राओं की काफी खोजबीन की. काफी मशक्कत के बाद एक छात्रा का शव बरामद किया गया. दो छात्राओं का अब तक सुराग नहीं मिल सका है.

Also Read: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ईडी का पांचवां समन, 4 अक्टूबर को पेश होने का निर्देश

दिव्यांग ने बचायी तीन छात्राओं की जान

बड़ाकर नदी में डूबीं छह छात्राओं में तीन छात्राओं को जीवन दान देने वाला 15 वर्षीय दिव्यांग शाहील चयकला का रहने वाला है. वह गोताखोर टीम का छोटा सदस्य है. वह मछली पकड़ने बड़ाकर नदी गया था. वह नदी में कुछ दूरी पर वंशी लगाए बैठा था. तभी ये छात्राएं करमा की डाली नदी में प्रवाहित करने पहुंची थीं. शाहील ने आंखों देखा हाल बताते हुए कहा कि करमा की डाली प्रवाहित करने के क्रम में छात्राएं नदी के गहरे पानी में चली गयीं और डूबने लगीं. उसके बाद शाहील दौड़ पड़ा और बारी-बारी से पानी में डूब रहीं पायल कुमारी (17 वर्ष, पिता विकास राणा), अनिशा कुमारी (14 वर्ष, पिता रामू यादव) एवं लक्ष्मी कुमारी (13 वर्ष, पिता दीपक यादव) को बाहर निकाला. जब तक और लोग जुटे तब तक शेष छात्राएं गहरे पानी में डूब चुकी थीं. शाहील एक हाथ से दिव्यांग है. बावजूद इसके उसने हिम्मत नहीं हारी.

Also Read: झारखंड के लोकगीतों में रचे-बसे हैं बिनोद बिहारी महतो

गांव में पसरा है मातम

घटना के बाद तीनों घर के परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है. उनके घर पर बड़ी संख्या में गांव एवं आसपास के गांवों के लोग जुटे थे. सभी मृतक के परिजनों को ढाढ़स बंधा रहे थे. पुलिस ने नदी से बरामद शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए हजारीबाग भेज दिया है.

Also Read: बिनोद बिहारी महतो की जन्मशती: झारखंड आंदोलन के पुरोधा थे बिनोद बाबू

घटनास्थल पर ये भी पहुंचे

घटनास्थल पर जिला परिषद सदस्य रवि शंकर अकेला, तिलेश्वर साहू सेना के केंद्रीय अध्यक्ष अरुण साहू, भुनेश्वर यादव, अर्जुन साहू, संजय मेहता, भाजपा जिला उपाध्यक्ष रमेश ठाकुर, मुखिया छोटन ठाकुर, राजेन्द्र चंद्रवंशी, लखन राणा, नकुलदेव बैठा, राजेन्द्र चंद्रवंशी, सुधीर कौशल, रेवाली पासवान ने प्रशासन से मृतक के आश्रितों को मुआवजा देने की मांग की है.

Also Read: Explainer: झारखंड की 30 हजार से अधिक महिलाओं की कैसे बदल गयी जिंदगी? अब नहीं बेचतीं हड़िया-शराब

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें