केरेडारी (हजारीबाग), अरुण यादव : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal Act- NGT) लागू होने के बावजूद हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड में नदियों से बालू का उत्खनन रूकने का नाम नहीं ले रहा है. रात के अंधेरे में बालू तस्कर बालू का कारोबार धड़ल्ले से कर रहे हैं. बालू तस्कर नदियों का बालू निकाल कर बड़ी-बड़ी कंपनियों के निर्माण कार्य में उच्चे दामों में बिक्री कर रहे हैं. पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे हो रहे अवैध बालू के खेल को कोई देखने वाला नही है. केरेडारी प्रशासन तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की बजाय खानापूर्ति के लिए गरीबों के पीएम आवास कार्य के बालू पर पुलिस का डंडा चलाते हैं. वहीं, कंपनियों को बालू, अवैध चिप्स व छर्री के लिए खुली छूट का आरोप लगाया जा रहा है.
धड़ल्ले से जारी है नदियों से बालू का उठाव
केरेडारी प्रखंड के नौआखाप, पचड़ा, मनातू, गर्रीकला, पतरा नदी, सायल बड़की नदी, देवरिया नदी से अवैध बालू का कारोबार बेरोक-टोक होता है. इन नदियों से बालू तस्करों द्वारा ट्रैक्टरों से दिन-रात बालू की ढुलाई करायी जा रही है. बालू ढुलाई के कार्य में करीब सैकड़ों ट्रैक्टर लगा रहता है. सबसे अधिक बालू का कारोबार हेंदेगिर के दामोदर नद से होता है. यहां तस्कर ट्रैक्टर से बालू निकाल कर रांची समेत अन्य शहरों तक हाईव से पहुंचाते हैं. बालू तस्कर प्रति ट्रैक्टर 1500 और प्रति हाईवा 20 से 25 हजार रुपये की दर से बिक्री करते हैं.
कहां-कहां है बालू का अवैध स्टॉक
केरेडारी थाना क्षेत्र के टंडवा-केरेडारी मुख्य मार्ग, बुकरु मोड़ के समीप खाली जमीन को बालू तस्करों ने चारदीवारी बना कर लगभग 100 ट्रैक्टर बालू स्टॉक किया है. इसके अलावे केरेडारी गेट के निकट सड़क निर्माण स्थल में, दामोदर नद का बालू मेढ़ी, बुचाडीह, हेंदेगिर में कारोबारियों ने अवैध रूप से बालू स्टॉक कर रखा है. जहां से जेसीबी द्वारा वाहनों के लोड कर बिक्री किया जाता है.
नदी से बालू का उठाव बंद : सीओ
इस संबंध में केरेडारी सीओ राकेश तिवारी ने कहा कि बालू का नदी से उठाव बिल्कुल बंद है. अगर नदी से बालू का उठाव होता है, तो तस्कर या खरीददार कंपनी पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.