25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Lockdown 3: गुजरात से झारखंड लौटने के लिए 2.24 लाख रु. दिए, 100 किमी पैदल भी चले मजदूर

coronavirus lockdown: हजारीबाग : कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जारी लॉकडाउन (Lockdown 3.0) के दौरान प्रवासी कामगारों (Migrant Labourers) की मुश्किलें काफी बढ़ गयी हैं. कुछ लोग जहां-तहां फंसे हैं, तो कुछ लोग जैसे-तैसे अपने घर पहुंचने की जुगाड़ में लगे हैं. ऐसे ही कुछ मजदूरों ने झारखंड (Jharkhand) लौटने का निश्चय किया. गुजरात (Gujarat) के सूरत (Surat) में फंसे इन लोगों ने अपने घर पहुंचने के लिए सवा दो लाख रुपये चुकाये. बावजूद इसके, उन्हें अपने घर पहुंचने के लिए 100 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा.

हजारीबाग : कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जारी लॉकडाउन (Lockdown 3.0) के दौरान प्रवासी कामगारों (Migrant Labourers) की मुश्किलें काफी बढ़ गयी हैं. कुछ लोग जहां-तहां फंसे हैं, तो कुछ लोग जैसे-तैसे अपने घर पहुंचने की जुगाड़ में लगे हैं. ऐसे ही कुछ मजदूरों ने झारखंड (Jharkhand) लौटने का निश्चय किया. गुजरात (Gujarat) के सूरत (Surat) में फंसे इन लोगों ने अपने घर पहुंचने के लिए सवा दो लाख रुपये चुकाये. बावजूद इसके, उन्हें अपने घर पहुंचने के लिए 100 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा.

Also Read: Covid19 Lockdown 3.0 Jharkhand LIVE: रिम्स में कोरोना संदिग्ध मरीज की मौत, अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी

झारखंड के ये सभी 56 प्रवासी मजदूर सूरत में एक कपड़ा के शो-रूम में काम करते थे. लॉकडाउन के कारण 42 दिन से गुजरात में फंसे थे. केंद्र सरकार के प्रवासी मजदूरों को घर लाने की पहल शुरू हुई, तो इन लोगों ने भी झारखंड आने की तैयारी शुरू कर दी.

इन लोगों ने मिलकर 2.24 लाख (2 लाख 24 हजार रुपये) बस किराया दिये. सूरत से आ रहे मजदूर पूरन यादव ने बताया कि हमलोग बालूमाथ कसमहा शिमला के रहनेवाले हैं. सूरत से हम 56 लोगों ने मिलकर एक बस रिजर्व किया. इसके लिए बस मालिक को 2 लाख 24 हजार रुपये का भुगतान किया.

Also Read: Coronavirus Lockdown Jharkhand LIVE: मुंबई में फंसे झारखंड के 300 युवकों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सांसद व विधायक से लगायी वापसी में मदद की गुहार

बस 3 मई, 2020 को सूरत से रवाना हुई. गिरिडीह आने के बाद बस चालक यहां से बालूमाथ जाने के लिए तैयार नहीं हुआ. बस में सात लोग बालूमाथ के थे. अंत में गिरिडीह से बालूमाथ पैदल चलने का निर्णय लिया.पिंटू यादव ने बताया कि गिरिडीह से सुबह भूखे पेट निकले. रास्ते में खाने को कुछ नहीं मिला. तपती धूप में करीब 50 किमी पैदल चल चुके हैं. घर पहुंचने के लिए 50 किमी की दूरी और तय करनी होगी.

उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के इंतजाम किये हैं. कई राज्यों के 18 से 20 हजार प्रवासी श्रमिक रेल से झारखंड पहुंचे हैं और सरकार ने उनके घर तक पहुंचाने के लिए बस का इंतजाम किया है. लेकिन, सूरत के इन कामगारों को न तो रेल सेवा का लाभ मिला, न बस सेवा का.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें