Jharkhand News, Hazaribagh News, बड़कागांव (हजारीबाग) : हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव प्रखंड के चोरका नदी में विशेष प्रमंडल के द्वारा लगभग 7 करोड रुपये की लागत से बन रहे पुल में घोर अनियमितता बरतने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है. इस पुल निर्माण का कार्य रामेश्वरम कंट्रक्शन द्वारा कराया जा रहा है. पिछले 2 साल से पुल को बनाया जा रहा है, लेकिन आज तक फाउंडेशन का कार्य भी कंप्लीट नहीं हो पाया है. कार्य में धीमी गति और लापरवाही के आरोप में ग्रामीणों ने कार्य बंद करा दिया है.
ग्रामीण सुमेर महतो, राजेश कुमार, भीम महतो सहित अन्य ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मसाला रूम के अंदर तैयार करके डायरेक्ट डाल दिया जा रहा है. इसके अलावा मिट्टी युक्त गिट्टी, बालू व चिप्स का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है. इसे कार्यस्थल में जाकर बखूबी देख भी सकते हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले 20 से 25 हाईवा मिट्टी युक्त गिड्डी, बालू व चिप्स का इस्तेमाल किया जा चुका है. इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार विरोध भी किया. बावजूद अभिकर्ता द्वारा उन्हें डांट- डपटकर भगा दिया जाता था. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि जब हमलोग कार्यस्थल पर लगे लोगों को गलत काम करने का विरोध करते हैं, तो उल्टा ग्रामीणों को ही धमकी दी जाती है.
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इसके अलावा ग्रामीणों ने यह भी बताया कि जो कार्य हो गया है उसमें ठेकेदार के द्वारा कभी पानी नहीं दिया जा रहा है, जिससे निर्माण पुल मजबूत नहीं हो पा रहा है. विरोध करने वाले ग्रामीणों में मुख्य रूप से सुमेर महतो, राजेश कुमार, भीम महतो, संजय कुमार, राजू महतो, छत्रधारी महतो, मदन महतो, फागुन महतो, मोहन महतो, ईश्वर दयाल महतो, परमेश्वर महतो, अमृत कुमार, सुधीर कुमार सहित दर्जनों ग्रामीण कार्यस्थल पर मौजूद थे.
ग्राम चोरका, पंडरिया, सिकरी, जमनीडीह,पारपैंन, ऊपरमोहडर सहित दर्जनों गांव को बड़कागांव प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली यह पुल है दर्जनों गांव के ग्रामीण आजादी के बाद से इस नदी पर पुल बनने की आस लगाये बैठे थे. पुल बनने संबंधी कार्य शुरू होता देख ग्रामीणाें में बरसों पुरानी आस जगी, लेकिन निर्माण कार्य में लापरवाही से ग्रामीण खफा हो गये.
ग्रामीणों का कहना है की घोर अनियमितता बरतकर पुल निर्माण कार्य कराया जा रहा है. यह पुल ज्यादा दिन तक कैसे रह सकता है. कहीं ऐसा ना हो कि कांडतरी पुल के जैसा यह पुल का भी ध्वस्त हो जाये और फिर से हमलोगों की स्थिति पहले जैसी ही हो जाये. इसी बात का डर ग्रामीणों को सता रहा है.
इस संबंध में कार्यस्थल पर मौजूद कनीय अभियंता बजरंग दूबे ने कहा कि गलती से 5-6 हाईवा मिट्टी युक्त गिट्टी गिर गया था. जिसका इस्तेमाल हो गया है और कुछ बचा है. अब इस तरह का मटेरियल नहीं लगेगा. अब जो भी कार्य होगा वह फ्रेस कार्य होगा.
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इस संबंध में संवेदक के पर्सनल इंजीनियर अनिल कुमार ने कहा कि ग्रामीणों को सभी कार्य की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है. गंदे मैट्रियल को जल्द से जल्द वहां से हटा लिया जायेगा और अच्छे मैट्रियल से कार्य होगा. इस दौरान एग्जिक्यूटिव इंजीनियर देवेंद्र प्रसाद से संपर्क करने के लिए कई बार फोन किया गया पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.
Posted By : Samir Ranjan.