Jharkhand News, हजारीबाग न्यूज (संजय सागर) : झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव विद्युत सबस्टेशन में 10 एमवीए का ट्रांसफार्मर लगने के बावजूद बिजली की स्थिति में सुधार नहीं हुई. बिजली की बढ़ती समस्या को दूर करने के लिए विधायक अंबा प्रसाद ने 29 एवं 30 जून को बिजली बोर्ड जाकर अधिकारियों से बातचीत कर 10 एमवीए का ट्रांसफॉर्मर विद्युत सब स्टेशन में लगवाया. विद्युत कर्मियों द्वारा आश्वासन दिया गया कि अब बिजली की समस्या दूर हो जाएगी, लेकिन समस्या आज तक बरकरार है. बिजली की आंख मिचौली से लोग परेशान हैं.
बड़कागांव प्रखंड, केरेडारी प्रखंड एवं टंडवा प्रखंड के कई गांवों में बिजली की आंख मिचौली दो महीनों से जारी है. इन प्रखंडों में कभी आधा घंटा तो कभी एक या 2 घंटे के लिए बिजली आती है. 22 -23 घंटे तक बिजली गायब हो जाती है. ऐसी परिस्थिति में सही तरीके से लोगों का इन्वर्टर और मोबाइल भी चार्ज नहीं हो पाता है. 5 दिनों से बिजली के अभाव में जनजीवन अस्त- व्यस्त है.
Also Read: बालू माफियाओं के खिलाफ छापामारी में पुलिस को मिली सफलता, अवैध बालू लदे छह ट्रक जब्त
लघु एवं कुटीर उद्योग , सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों काम प्रभावित है. बिजली नहीं रहने के कारण विभिन्न ग्राहक सेवा केंद्र में लोग पैसे का निकासी एवं जमा नहीं कर पाए. विद्यार्थियों का पठन-पाठन प्रभावित है. बड़कागांव में 28 मई से लेकर आज तक बिजली बाधित है. कभी 33,000 का तार फ्यूज हो जाता है, तो कभी ट्रांसफार्मर जलने की शिकायत मिलती है. तो कभी विद्युत सब स्टेशन में बिजली से संबंधित काम किए जाने की सूचना मिलती है. यही कारण है कि बिजली कभी आधा घंटा के लिए तो कभी एक-दो घंटे के लिए आती है.
आपको बता दें कि बड़कागांव प्रखंड एवं केरेडारी प्रखंड में 18 मई को 12 बजे मध्यह्न से लेकर 19 मई के शाम तक बिजली नहीं आई. ताउते तूफान के कारण 18 मई व 19 मई को बिजली नहीं आई. 30 अप्रैल को भी 30 घंटे तक बिजली बाधित रही. 22 मार्च को 8:00 बजे रात्रि से लेकर 23 मार्च को संध्या 6:00 बजे तक बिजली नहीं आई थी. हालांकि 5:50 पर बिजली आई थी लेकिन 10 मिनट बाद पुनः बिजली कट गई .
Also Read: झारखंड में मुर्गी शेड घोटाला, शेड बनाया भी नहीं और निकाल लिए पूरे पैसे, महिलाएं आक्रोशित
बड़कागांव प्रखंड में बिजली की आंख मिचौली कोई नई बात नहीं है. यहां हमेशा बिजली कटती रहती है. 27 फरवरी को बड़कागांव में 11 घंटे बिजली कट गयी थी. 29 फरवरी को भी बिजली घंटों देर कटी रही. बिजली की आंख-मिचौली पिछले 40 वर्षों से जारी है. यहां से हर दिन करोड़ों रुपये के कोयले का निर्यात किया जाता है. यहां के कोयले से बड़े-बड़े महानगर रोशन होते हैं, लेकिन यहां के लोगों को ही बिजली नहीं मिल पाती.
बड़कागांव को बिजली विभाग ने शहरी क्षेत्र घोषित कर रखा है. विभाग द्वारा बिजली उपभोक्ताओं से शहरी बिल लिया जाता है, लेकिन बड़कागांव के लोगों को शहर की तरह बिजली नहीं मिलती है. बताया जाता है कि एनटीपीसी एवं त्रिवेणी लिमिटेड द्वारा संचालित कोयला खदान में बिजली की अधिक खपत के कारण बड़कागांव के लोगों को पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिल पाती है.
Posted By : Guru Swarup Mishra