Prabhat Khabar Impact: हजारीबाग जिले के चौपारण स्थित झारखंड- बिहार के सीमावर्ती उग्रवादियों के मांद में मादक पदार्थ अफीम की खेती करने वालों पर रविवार को प्रशासन की गाज गिरी. जंगल में लगे अफीम की खेती को पुलिस ने ट्रैक्टर द्वारा नष्ट कर दिया है. प्रशासन की टीम को देखते ही अफीम की खेती का देखरेख कर रहे दैनिक मजदूर जंगल का लाभ उठाकर फरार हो गए. वन विभाग की भूमि पर लगाई गई अफीम की खेती से संबंधित प्रभात खबर में एक माह पूर्व समाचार प्रकाशित हुआ था.
कहां-कहां हो रही अफीम की खेती
दैहर तथा चोरदाहा के दो सौ से अधिक वनभूमि पर अफीम की खेती हो रही है. जिसमें मुख्य रूप से मुड़िया, पथलगड्डा दुरागढा, सिकदा, मोरनिया, छोटकी चापी, ढोढिया, अहरी, पत्थलगड़वा, यमुनियतरी पहाड़ के तलहटी में, बिगहा के सतेवा जंगल का नाम शामिल है. इसकी शिकायत वनकर्मियों ने भी संबंधित विभाग में सीनियर अधिकारियों से कर चुके हैं. चौपारण एवं इटखोरी थाने में दर्जन भर अफीम के खेतिहरों एवं तस्करों के खिलाफ केस दर्ज है.
वनभूमि अफीम की खेती किये जाने की लगातार मिल रही थी सूचना : डीएसपी
अभियान में शामिल डीएसपी ने बताया कि दैहर एवं चोरदाहा पंचायत के जंगली क्षेत्र में वनभूमि पर लगातार अफीम की खेती किये जाने की खबर मिल रही थी. सूचना के बाद एक स्पेशल टीम का गठन कर मुड़िया में करीबन 75 एकड़ भूमि पर लगा अफीम की खेती को नष्ट कर दिया गया है एवं खेतिहरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. डीएसपी ने बताया कि पिछले कई दिनों से गुप्त सूचना पर तस्करों को चिह्नित किया जा रहा था.
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अभियान में कौन-कौन थे शामिल
अफीम नष्ट करने वाले अभियान में पुलिस उपाधीक्षक सीसीआर आरिफ इकराम, सीआरपीएफ कमांडेंट एनके सिंह, अश्वनी चौधरी, डीएफओ वाईल्ड लाइफ, बरही डीएसपी नाजीर अख्तर, श्यामचंद्र सिंह, थाना प्रभारी शम्भूनंद ईश्वर सीआरपीएफ 22 बटालियन एवं थाना के रिजर्व गार्ड के जवान बड़ी संख्या में शामिल थे.
रिपोर्ट : अजय ठाकुर, चौपारण, हजारीबाग.